मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एनसीपी(SP) अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना(UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को धन्यवाद दिया। यह धन्यवाद उन्होंने अपनी कॉफी टेबल बुक 'महाराष्ट्र नायक' में उनकी प्रशंसा करने के लिए दिया। दरअसल महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने फडणवीस के 55वें जन्मदिन पर राजभवन में उन पर 'महाराष्ट्र नायक' नामक एक ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया। इस घटनाक्रम के बीच फडणवीस के ठाकरे को सत्ता पक्ष में आने के प्रस्ताव और उसके बाद हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में पुनर्मिलन की अटकलों को तेज कर दिया है। फडणवीस ने कहा कि हम वैचारिक रूप से विरोधी हैं, दुश्मन नहीं। उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार एक बड़े दिल वाले और वरिष्ठ नेता हैं। उनकी टिप्पणियां मेरे लिए अमूल्य हैं।
पिछले सप्ताह क्या हुआ था?
पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कार्यालय में 20 मिनट से ज़्यादा समय तक बैठक की। यह बैठक फडणवीस के उस बयान के एक दिन बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ठाकरे सत्ता पक्ष में एक अलग तरीके से आ सकते हैं। फडणवीस ने कहा था कि कम से कम 2029 तक हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं है। उद्धव जी इस तरफ (सत्तारूढ़ दल) आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं और उस पर अलग तरीके से विचार किया जा सकता है, लेकिन हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
बीजेपी-शिवसेना में क्यों आई थी दरार?
दरअसल 2014 में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद पैदा होने तक बीजेपी और शिवसेना ने 25 सालों से अधिक समय तक एक स्थिर गठबंधन की सरकार चलाई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ लड़ने और बहुमत हासिल करने के बावजूद उद्धव ठाकरे ने चुनाव बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बैनर तले कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के लिए अलग हो गए। इस कदम को बीजेपी की ओर से विश्वासघात के रूप में देखा गया।
2022 में कैसे हुआ तख्तापलट?
हालांकि 2022 में फडणवीस ने एक नाटकीय राजनीतिक तख्तापलट की योजना बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाई। शिवसेना को विभाजित करने वाले एकनाथ शिंदे के समर्थन से एमवीए सरकार गिर गई और बीजेपी शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के साथ गठबंधन करके सत्ता में लौट आई। फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला, जबकि शिंदे ने मुख्यमंत्री पद संभाला। हालांकि इस गठबंधन को 2024 के चुनावों में व्यापक जनादेश मिला। लेकिन तख्तापलट के बाद से मुख्यमंत्री रहे शिंदे, फडणवीस को शीर्ष पद सौंपने में हिचकिचाते दिखाई दिए।
मनसे-उद्धवसेना में नजदीकी
इसके अलावा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें तब से तेज हो गई हैं जब दोनों नेता 5 जुलाई को एक साथ दिखाई दिए। जो कि 20 सालों में उनकी पहली संयुक्त उपस्थिति थी। यह एकता का प्रदर्शन तब हुआ जब उन्होंने राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में हिंदी भाषा के अनिवार्य प्रावधान को वापस लेने का जश्न मनाया। इससे लोगों को लग रहा है कि दोनों ठाकरे भाई फिर से एक साथ आ सकते हैं।
पिछले सप्ताह क्या हुआ था?
पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कार्यालय में 20 मिनट से ज़्यादा समय तक बैठक की। यह बैठक फडणवीस के उस बयान के एक दिन बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ठाकरे सत्ता पक्ष में एक अलग तरीके से आ सकते हैं। फडणवीस ने कहा था कि कम से कम 2029 तक हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं है। उद्धव जी इस तरफ (सत्तारूढ़ दल) आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं और उस पर अलग तरीके से विचार किया जा सकता है, लेकिन हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
बीजेपी-शिवसेना में क्यों आई थी दरार?
दरअसल 2014 में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद पैदा होने तक बीजेपी और शिवसेना ने 25 सालों से अधिक समय तक एक स्थिर गठबंधन की सरकार चलाई। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ लड़ने और बहुमत हासिल करने के बावजूद उद्धव ठाकरे ने चुनाव बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बैनर तले कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के लिए अलग हो गए। इस कदम को बीजेपी की ओर से विश्वासघात के रूप में देखा गया।
2022 में कैसे हुआ तख्तापलट?
हालांकि 2022 में फडणवीस ने एक नाटकीय राजनीतिक तख्तापलट की योजना बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाई। शिवसेना को विभाजित करने वाले एकनाथ शिंदे के समर्थन से एमवीए सरकार गिर गई और बीजेपी शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के साथ गठबंधन करके सत्ता में लौट आई। फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला, जबकि शिंदे ने मुख्यमंत्री पद संभाला। हालांकि इस गठबंधन को 2024 के चुनावों में व्यापक जनादेश मिला। लेकिन तख्तापलट के बाद से मुख्यमंत्री रहे शिंदे, फडणवीस को शीर्ष पद सौंपने में हिचकिचाते दिखाई दिए।
मनसे-उद्धवसेना में नजदीकी
इसके अलावा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें तब से तेज हो गई हैं जब दोनों नेता 5 जुलाई को एक साथ दिखाई दिए। जो कि 20 सालों में उनकी पहली संयुक्त उपस्थिति थी। यह एकता का प्रदर्शन तब हुआ जब उन्होंने राज्य सरकार की ओर से स्कूलों में हिंदी भाषा के अनिवार्य प्रावधान को वापस लेने का जश्न मनाया। इससे लोगों को लग रहा है कि दोनों ठाकरे भाई फिर से एक साथ आ सकते हैं।
You may also like
सिंगल रहना Vs शादी करना। जाने क्या है बेस्ट। कौन रहता है ज्यादा सुखी। दिमाग घुमा देगी सच्चाईˏ
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 23 जुलाई 2025 : आज सावन शिवरात्रि व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक
रिलायंस जियो की नई इलेक्ट्रिक बाइक: 400 किमी रेंज और 30,000 रुपये से कम कीमत
राजा मानसिंह का वो रहस्यमयी खजाना जिस पर बिगड़ गई थी इंदिरा गांधी की नियत। पाकिस्तान तक पहुंचा था मामलाˏ
महेंद्र सिंह धोनी: अरबों की दौलत के बावजूद सादगी का प्रतीक