गोंडा : उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण के बयान इन दिनों खासी चर्चा में हैं। पिछले दिनों उन्होंने अखिलेश यादव को धार्मिक बताकर प्रदेश में अलग ही चर्चा को जन्म दे दिया। इसके बाद यह अंदेशा जताया जाने लगा कि बृजभूषण शरण सिंह का झुका समाजवादी पार्टी की तरफ हो रहा है। वे भारतीय जनता पार्टी से दूर हो रहे हैं। हालांकि, अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी के ही हैं। अखिलेश यादव को लेकर उन्होंने कहा कि आप उन्हें छोटा भाई या नेताजी के बेटे के तौर पर समझ सकते हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने एक पॉडकास्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर भी टिप्पणी की और उनके साथ किसी प्रकार का मनमुटाव न होने की बात कही।
अखिलेश को लेकर क्या कहा?बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव के समर्थन को लेकर किए गए सवाल का जवाब अपने ही अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का हूं। अखिलेश को आप मेरा छोटा भाई कह सकते हो, नेताजी के बेटे या किसी भी रूप में आप ले सकते हो। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी ही नहीं, मैं किसी भी नेता की आलोचना उतना नहीं करता हूं, जितना आलोचना करने वाली बात होती है, उसी पर अपनी बात रखता हूं। किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करते आप मुझे नहीं देख सकते हैं।
सीएम योगी से अलग नहींबृजभूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपने रिश्तों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि उनका संबंध योगी आदित्यनाथ से औपचारिक नहीं, बल्कि आत्मीय है और इसमें कोई मनमुटाव नहीं है। बृजभूषण ने स्पष्ट किया कि कुछ परिस्थितियां विपरीत जरूर हैं,, लेकिन हमारे रिश्ते आज भी वैसे ही हैं। योगी जी मुख्यमंत्री हैं और आदरणीय हैं। समय आने पर हम फिर साथ दिखेंगे।
बृजभूषण ने कहा कि हमारे बेटे सांसद करण भूषण और विधायक प्रतीक भूषण नियमित रूप से मुख्यमंत्री से मिलते हैं। सीएम योगी हमारे बच्चों को बहुत मानते हैं, खुद विशेष भोजन कराते हैं। हमारे नाती भी उनके पास जाते हैं और उनकी तारीफ करते हैं।
खाना खिलाने का सुनाया किस्साबृजभूषण शरण सिंह ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि महाराज जी जब खाना लाते थे, तब तक खुद नहीं खाते थे जब तक मुझे खिला न लें। कहते थे कि बृजभूषण, खाना खा लो। दरअसल, बृजभूषण सिंह और योगी आदित्यनाथ को 2019 लोकसभा चुनाव के बाद किसी मंच पर साथ नहीं देखा गया है। जनवरी 2022 में बृजभूषण ने अपने जन्मदिन पर सीएम योगी को आमंत्रित करने के लिए आवास पर भेंट की थी, लेकिन सीएम कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसके बाद दोनों के रिश्तों में ठंडापन माना गया।
14 अक्टूबर 2022 को जब बाढ़ का पानी बृजभूषण के घर में घुस गया था, तब उन्होंने पहली बार सरकार की खुलकर आलोचना की थी। हालांकि, अब वे सीएम योगी से पारिवारिक संबंध बता रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि हमारे दोनों बेटे उनकी गोद में खेले हैं।
उद्धव ठाकरे पर शायराना हमलाबृजभूषण सिंह ने शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा शायराना तंज कसा। उन्होंने कहा, 'एक कदम उठाया था गलत राह-ए-शौक में, जिंदगी तमाम उम्र मुझे ढूंढती रही।' उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की चाह में अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया। उन्हीं दलों के साथ गठबंधन किया, जिनके खिलाफ बालासाहेब आजीवन लड़े। बृजभूषण ने कहा कि बालासाहेब एक शेर थे। आज उद्धव उन्हीं के खिलाफ राजनीति करने वालों की गोद में बैठे हैं।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उद्धव ठाकरे अब कांग्रेस और शरद पवार के खिलाफ कुछ नहीं बोलते। यही गठबंधन शिवसेना की आत्मा के खिलाफ है। बृजभूषण ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अब पहचान के संकट का सामना करना पड़ रहा है। अगर उन्हें बालासाहेब की विरासत बचानी है तो उन्हें भाजपा में लौट आना चाहिए।
अखिलेश को लेकर क्या कहा?बृजभूषण शरण सिंह ने अखिलेश यादव के समर्थन को लेकर किए गए सवाल का जवाब अपने ही अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का हूं। अखिलेश को आप मेरा छोटा भाई कह सकते हो, नेताजी के बेटे या किसी भी रूप में आप ले सकते हो। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी ही नहीं, मैं किसी भी नेता की आलोचना उतना नहीं करता हूं, जितना आलोचना करने वाली बात होती है, उसी पर अपनी बात रखता हूं। किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करते आप मुझे नहीं देख सकते हैं।
सीएम योगी से अलग नहींबृजभूषण शरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपने रिश्तों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि उनका संबंध योगी आदित्यनाथ से औपचारिक नहीं, बल्कि आत्मीय है और इसमें कोई मनमुटाव नहीं है। बृजभूषण ने स्पष्ट किया कि कुछ परिस्थितियां विपरीत जरूर हैं,, लेकिन हमारे रिश्ते आज भी वैसे ही हैं। योगी जी मुख्यमंत्री हैं और आदरणीय हैं। समय आने पर हम फिर साथ दिखेंगे।
बृजभूषण ने कहा कि हमारे बेटे सांसद करण भूषण और विधायक प्रतीक भूषण नियमित रूप से मुख्यमंत्री से मिलते हैं। सीएम योगी हमारे बच्चों को बहुत मानते हैं, खुद विशेष भोजन कराते हैं। हमारे नाती भी उनके पास जाते हैं और उनकी तारीफ करते हैं।
खाना खिलाने का सुनाया किस्साबृजभूषण शरण सिंह ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि महाराज जी जब खाना लाते थे, तब तक खुद नहीं खाते थे जब तक मुझे खिला न लें। कहते थे कि बृजभूषण, खाना खा लो। दरअसल, बृजभूषण सिंह और योगी आदित्यनाथ को 2019 लोकसभा चुनाव के बाद किसी मंच पर साथ नहीं देखा गया है। जनवरी 2022 में बृजभूषण ने अपने जन्मदिन पर सीएम योगी को आमंत्रित करने के लिए आवास पर भेंट की थी, लेकिन सीएम कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसके बाद दोनों के रिश्तों में ठंडापन माना गया।
14 अक्टूबर 2022 को जब बाढ़ का पानी बृजभूषण के घर में घुस गया था, तब उन्होंने पहली बार सरकार की खुलकर आलोचना की थी। हालांकि, अब वे सीएम योगी से पारिवारिक संबंध बता रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि हमारे दोनों बेटे उनकी गोद में खेले हैं।
उद्धव ठाकरे पर शायराना हमलाबृजभूषण सिंह ने शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा शायराना तंज कसा। उन्होंने कहा, 'एक कदम उठाया था गलत राह-ए-शौक में, जिंदगी तमाम उम्र मुझे ढूंढती रही।' उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की चाह में अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया। उन्हीं दलों के साथ गठबंधन किया, जिनके खिलाफ बालासाहेब आजीवन लड़े। बृजभूषण ने कहा कि बालासाहेब एक शेर थे। आज उद्धव उन्हीं के खिलाफ राजनीति करने वालों की गोद में बैठे हैं।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उद्धव ठाकरे अब कांग्रेस और शरद पवार के खिलाफ कुछ नहीं बोलते। यही गठबंधन शिवसेना की आत्मा के खिलाफ है। बृजभूषण ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अब पहचान के संकट का सामना करना पड़ रहा है। अगर उन्हें बालासाहेब की विरासत बचानी है तो उन्हें भाजपा में लौट आना चाहिए।
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