नई दिल्ली: हैदराबाद में जन्मीं वर्जीनिया की स्टेट सीनेटर गजाला हाशमी वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। वह अपनी इस दावेदारी को लेकर खूब चर्चा में हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और प्रवासी प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों पर उनका अभियान दक्षिण एशियाई समुदायों में काफी लोकप्रिय हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी जॉन रीड से 7 प्वॉइंट्स की बढ़त बनाए हुए हैं। यह चुनाव वर्जीनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि अगर गजाला हाशमी जीतती हैं, तो वह राज्य की पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई लेफ्टिनेंट गवर्नर होंगी।
कौन हैं गजाला हाशमी? गजाला हाशमी का सफर भारत के हैदराबाद से शुरू हुआ। 4 साल की उम्र में वह अपनी मां और भाई के साथ अमेरिका चली गईं। आज वह वर्जीनिया की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं और एक प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सीनेटर के तौर पर काम कर रही हैं। वर्जीनिया स्टेट सीनेट में सेवा देने वाली वह पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी और पहली मुस्लिम महिला हैं। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में खड़े जोहरान ममदानी की तरह, गजाला हाशमी भी अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का विषय बनी हुई हैं।गजाला हाशमी को न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय से, बल्कि पाकिस्तानी-अमेरिकी मतदाताओं से भी समर्थन मिल रहा है।
शिक्षा और मजदूरों के अधिकारों पर फोकसगजाला हाशमी के अभियान का मुख्य फोकस शिक्षा और मजदूरों के अधिकारों पर है। उनके एक 30 सेकंड के विज्ञापन, जिसका नाम 'Educator' है, में बताया गया है कि हाशमी ने तकनीकी प्रशिक्षण और अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसका मकसद यह है कि लोग कॉलेज जाए बिना भी अच्छी नौकरियां पा सकें। इस विज्ञापन में उनके तीन दशकों के शिक्षण अनुभव को भी प्रमुखता से दिखाया गया है। यह दर्शाता है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभव का उपयोग करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन जीता61 वर्षीय गजाला हाशमी ने जून में डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन जीता था, जिसमें उन्होंने पांच अन्य उम्मीदवारों को हराया था। 2019 में, वह वर्जीनिया सीनेट में चुनी जाने वाली पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला बनीं। अगर वह लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीत जाती हैं, तो यह वर्जीनिया के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
कौन हैं गजाला हाशमी? गजाला हाशमी का सफर भारत के हैदराबाद से शुरू हुआ। 4 साल की उम्र में वह अपनी मां और भाई के साथ अमेरिका चली गईं। आज वह वर्जीनिया की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं और एक प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सीनेटर के तौर पर काम कर रही हैं। वर्जीनिया स्टेट सीनेट में सेवा देने वाली वह पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी और पहली मुस्लिम महिला हैं। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में खड़े जोहरान ममदानी की तरह, गजाला हाशमी भी अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का विषय बनी हुई हैं।गजाला हाशमी को न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय से, बल्कि पाकिस्तानी-अमेरिकी मतदाताओं से भी समर्थन मिल रहा है।
शिक्षा और मजदूरों के अधिकारों पर फोकसगजाला हाशमी के अभियान का मुख्य फोकस शिक्षा और मजदूरों के अधिकारों पर है। उनके एक 30 सेकंड के विज्ञापन, जिसका नाम 'Educator' है, में बताया गया है कि हाशमी ने तकनीकी प्रशिक्षण और अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसका मकसद यह है कि लोग कॉलेज जाए बिना भी अच्छी नौकरियां पा सकें। इस विज्ञापन में उनके तीन दशकों के शिक्षण अनुभव को भी प्रमुखता से दिखाया गया है। यह दर्शाता है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभव का उपयोग करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन जीता61 वर्षीय गजाला हाशमी ने जून में डेमोक्रेटिक पार्टी का नामांकन जीता था, जिसमें उन्होंने पांच अन्य उम्मीदवारों को हराया था। 2019 में, वह वर्जीनिया सीनेट में चुनी जाने वाली पहली मुस्लिम और दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला बनीं। अगर वह लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीत जाती हैं, तो यह वर्जीनिया के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।
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