नई दिल्ली: बच्चों में तेजी से बढ़ते मोटापे की समस्या को देखते हुए सीबीएसई ने बड़ा कदम उठाया है। सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिया है कि वह बच्चों के मोटापे पर कंट्रोल करने के लिए उन्हें ऑयल बोर्ड बनाकर जागरुक करें। इसके अलावा बच्चों को शारीरिक गतिविधि जैसे सीढ़ी चढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए हैं।
दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि वयस्कों और बच्चों दोनों में मोटापे में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है। 2025 में प्रकाशित द लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन के अनुसार भारत में अधिक वजन और मोटे वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक बोझ वाला देश बन जाएगा। बच्चों में मोटापे की व्यापकता मुख्यतः खराब खान-पान और कम शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होती है।
'छात्रों और कर्मचारियों को जागरुक करें'1. हानिकारक इस्तेमाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कैफेटेरिया, लॉबी, बैठक कक्ष और दूसरे सार्वजनिक स्थानों में ऑयल बोर्ड डिस्प्ले लगाए जाए। ये डिजिटल या स्थिर पोस्टर दोनों में से कुछ भी हो सकते हैं।
2. मोटापे से लड़ने के बारे में रोजाना याद दिलाना और इच्छाशक्ति को सुदृढ़ करने के लिए सभी आधिकारिक स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फोल्डर, आदि) और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करना।
3. पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों (अधिक फल, सब्जियां और कम वसा वाले विकल्प, तथा शर्करा युक्त पेय और उच्च वसा वाले स्नैक्स की उपलब्धता को सीमित करके) और गतिविधि पहलों (जैसे सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, छोटे व्यायाम अवकाश का आयोजन करना, और पैदल चलने के मार्गों की सुविधा प्रदान करना) की उपलब्धता के जरिए स्कूलों में स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना।
दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि वयस्कों और बच्चों दोनों में मोटापे में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है। 2025 में प्रकाशित द लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन के अनुसार भारत में अधिक वजन और मोटे वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक बोझ वाला देश बन जाएगा। बच्चों में मोटापे की व्यापकता मुख्यतः खराब खान-पान और कम शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होती है।
'छात्रों और कर्मचारियों को जागरुक करें'1. हानिकारक इस्तेमाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कैफेटेरिया, लॉबी, बैठक कक्ष और दूसरे सार्वजनिक स्थानों में ऑयल बोर्ड डिस्प्ले लगाए जाए। ये डिजिटल या स्थिर पोस्टर दोनों में से कुछ भी हो सकते हैं।
2. मोटापे से लड़ने के बारे में रोजाना याद दिलाना और इच्छाशक्ति को सुदृढ़ करने के लिए सभी आधिकारिक स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फोल्डर, आदि) और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करना।
3. पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों (अधिक फल, सब्जियां और कम वसा वाले विकल्प, तथा शर्करा युक्त पेय और उच्च वसा वाले स्नैक्स की उपलब्धता को सीमित करके) और गतिविधि पहलों (जैसे सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, छोटे व्यायाम अवकाश का आयोजन करना, और पैदल चलने के मार्गों की सुविधा प्रदान करना) की उपलब्धता के जरिए स्कूलों में स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना।
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