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Success Story: सिर्फ 30,000 रुपये उधार लेकर दो दोस्तों ने शुरू किया काम, अब 475 करोड़ का साम्राज्य, क्या है बिजनेस?

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नई दिल्‍ली: सागर दरयानी और बिनोद होमगाई ने कारोबार में बड़ी सफलता हासिल की है। कोलकाता के इन दो दोस्तों ने सिर्फ 30,000 रुपये से करोड़ों का साम्राज्‍य खड़ा कर दिया है। उन्‍होंने 2008 में 'Wow! Momo' की शुरुआत की थी। यह रेस्टोरेंट चेन आज भारत में 800 से ज्‍यादा आउटलेट्स के साथ बड़ा फूड एम्पायर बन चुकी है। सागर और बिनोद ने ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देने के लिए इसकी शुरुआत की थी। यह चेन हाइजीन, क्वालिटी और अलग-अलग तरह के मोमोज पर फोकस करती है। कंपनी का टारगेट 650 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करना है। 2027 में उसकी IPO लाने की योजना है। कंपनी ने 2024 में 475 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया। कंपनी अब साउथईस्ट एशिया और खाड़ी देशों में विस्तार करने की सोच रही है। आइए, यहां सागर दरयानी और बिनोद होमगाई की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
उधार लेकर शुरू किया काम image

सागर दरयानी और बिनोद होमगाई ने 29 अगस्त 2008 को Wow! Momo की शुरुआत की। दोनों कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज के छात्र रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ मोमोज बेचना नहीं था। अलबत्‍ता, एक ऐसा एक्‍सपीरियंस देना था कि ग्राहक 'WOW' कहें। उन्होंने कोलकाता में एक छोटे से कियोस्क से शुरुआत की थी। सागर और बिनोद का लक्ष्य था कि वे खाने के प्रति अपने प्यार को बड़ा आकार दें। सागर के पिता से 30,000 रुपये उधार लेकर उन्होंने अपना पहला मोमो स्टॉल लगाया। सागर मार्केटिंग और रिटेल का काम देखते थे, जबकि बिनोद प्रोडक्शन और क्वालिटी का ध्यान रखते थे। इस तरह उन्होंने एक छोटी सी दुकान को बड़ा ब्रांड बना दिया।


शुरुआत में आईं कई मुश्‍किलें image

शुरुआत में सागर और बिनोद को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने छोटे-छोटे कियोस्क से शुरुआत की। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने चीज,बटर मसाला और मोबर्ग जैसे नए तरह के मोमोज बनाए। मोबर्ग एक मोमो-बर्गर है। शाह मिफ्तौर रहमान (फाइनेंस) और मुरलीकृष्णन (मार्केटिंग) के आने से 'Wow! Momo' की टीम और भी मजबूत हो गई। सागर और बिनोद चाहते थे कि उनका ब्रांड खाने से कहीं ज्‍यादा हो। वे ऐसा अनुभव देना चाहते थे कि ग्राहक हैरान रह जाएं। इसलिए Wow! Momo का जन्म हुआ। यह नाम सिर्फ अच्छे खाने का नहीं, बल्कि एक यादगार अनुभव का वादा करता है। सागर और बिनोद का लक्ष्य था कि वे नए-नए व्यंजन बनाकर लोगों को खास एहसास कराएं।


मेनू को बनाया मजेदार image

कंपनी ने सिर्फ मोमोज नहीं बेचे, बल्कि उन्हें नए रूप में पेश किया। उनका सीक्रेट सॉस इनोवेशन था। उनके मेनू में चीज, बटर मसाला, मोबर्ग और सिजलर मोमोज शामिल थे। उन्होंने चॉकलेट मोमोज जैसे प्रयोग भी किए। उनका मेनू मजेदार खाने का पर्याय बन गया। Wow! Momo ने Wow! China नाम से एक और ब्रांड लॉन्च किया। यह ब्रांड भारत-चीन के व्‍यंजनों को नए रूप में पेश करता है। इसमें हनी पटेटो, चिकन रैप्‍ड प्रॉन्‍स और पेपरी लेमन पनीर जैसे व्यंजन शामिल हैं। Wow! China भी Wow! Momo की तरह हिट रहा। इसने 'चिनडियन' (चीन-इंडिया) फूड को अलग पहचान दी।


अब करोड़ों का साम्राज्‍य image

सागर और बिनोद की सफलता का राज सिर्फ उनका खाना नहीं है, बल्कि उनका बिजनेस बढ़ाने का तरीका भी है। 2024 तक उनके 800 से ज्‍यादा आउटलेट्स थे। ये आउटलेट्स दिल्ली, मुंबई, बेगलुरु जैसे शहरों में फैले हुए हैं। उन्होंने टेक पार्क कियोस्क और एम्यूजमेंट पार्क फूड ट्रक भी लगाए हैं। वे सेंट्रल किचन में खाना बनाते हैं और चिल्ड वाहनों से उसे आउटलेट्स तक पहुंचाते हैं। इससे क्वालिटी बनी रहती है और बिजनेस भी तेजी से बढ़ता है। Wow! Momo ने वित्‍त वर्ष 2023-24 में 475 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया। वित्‍त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 416 करोड़ रुपये था। इस तरह कंपनी ने 14% की ग्रोथ हासिल की। कंपनी का अगला टारगेट 650 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाना है।

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