मुरादाबाद: घर में कुछ जरूरी इमरजेंसी होने पर मैं अपने पिता के साथ चली गई थी। जब घर से वापस मदरसे पहुंची तो मेरा मेडिकल कराने के लिए दबाव बनाया गया। मेरे कैरेक्टर पर उंगली उठाई गई। मुझे मदरसे की तरफ से मेंटली टॉर्चर किया गया है। मैं कुछ सोच नहीं पा रही हूं। मैं पढ़ना चाहती हूं लेकिन मदरसे वालों ने मेरा भविष्य खराब कर दिया। अब मैं कहां पढ़ूंगी? उन्होंने इल्जाम लगाकर इज्जत मिट्टी में मिला दी।... यह कहना है 13 साल की उस छात्रा का, जिससे मदरसे में दोबारा दाखिले से पहले वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने के मामले ने तूल पकड़ा है।
मुरादाबाद के पाकबाड़ा थाने में छात्रा के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात के एडमिशन इंचार्ज को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्रा के पिता पेश से टेलर हैं और चंडीगढ़ में रहते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में बेटी का दाखिला मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात में कक्षा सात में कराया था। इस साल उसका आठवीं में एडमिशन होना था।
आरोप है कि उनकी पत्नी बेटी को लेकर मदरसे पहुंची। दाखिला करने के लिए वे प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल प्रभारी मो. शाहजहां से मिलीं। आरोप है कि दोनों ने पहले 35 हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की मांग की गई। पीड़ित पिता का कहना है कि मेडिकल टेस्ट कराने और वर्जिनिटी सर्टिफिकेट जमा करने पर ही प्रवेश मिलने की बात कही गई।
उन्होंने कहा कि यह मांग उनके परिवार के सम्मान और बच्ची के चरित्र पर हमला है। जब उन्होंने विरोध किया तो प्रबंधन ने बच्ची का एडमिशन रद्द कर दिया और फिर ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देने के नाम पर 500 रुपये वसूले, लेकिन अब तक टीसी भी नहीं दी गई। जब उनकी पत्नी ने कहा कि बेटी का एडमिशन नहीं हो रहा तो कम से कम टीसी दे दी जाए, तब मदरसे ने 500 रुपए लेकर टीसी फॉर्म भरवाया और यह लिखवा लिया कि मेडिकल सर्टिफिकेट लाया जाएगा। लेकिन 21 अगस्त को पैसे जमा करने के बावजूद अब तक टीसी नहीं दी गई।
पीड़ित के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी बेटी मानसिक तनाव में है। मदरसे ने न केवल उसकी पढ़ाई रोक दी, बल्कि उसके चरित्र पर सवाल उठाकर उसका अपमान किया है। उनकी बेटी आत्महत्या करने को मजबूर है। पिता ने वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर अपना दर्द बयां किया है।
मुरादाबाद के पाकबाड़ा थाने में छात्रा के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात के एडमिशन इंचार्ज को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्रा के पिता पेश से टेलर हैं और चंडीगढ़ में रहते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में बेटी का दाखिला मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात में कक्षा सात में कराया था। इस साल उसका आठवीं में एडमिशन होना था।
आरोप है कि उनकी पत्नी बेटी को लेकर मदरसे पहुंची। दाखिला करने के लिए वे प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल प्रभारी मो. शाहजहां से मिलीं। आरोप है कि दोनों ने पहले 35 हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की मांग की गई। पीड़ित पिता का कहना है कि मेडिकल टेस्ट कराने और वर्जिनिटी सर्टिफिकेट जमा करने पर ही प्रवेश मिलने की बात कही गई।
उन्होंने कहा कि यह मांग उनके परिवार के सम्मान और बच्ची के चरित्र पर हमला है। जब उन्होंने विरोध किया तो प्रबंधन ने बच्ची का एडमिशन रद्द कर दिया और फिर ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देने के नाम पर 500 रुपये वसूले, लेकिन अब तक टीसी भी नहीं दी गई। जब उनकी पत्नी ने कहा कि बेटी का एडमिशन नहीं हो रहा तो कम से कम टीसी दे दी जाए, तब मदरसे ने 500 रुपए लेकर टीसी फॉर्म भरवाया और यह लिखवा लिया कि मेडिकल सर्टिफिकेट लाया जाएगा। लेकिन 21 अगस्त को पैसे जमा करने के बावजूद अब तक टीसी नहीं दी गई।
पीड़ित के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी बेटी मानसिक तनाव में है। मदरसे ने न केवल उसकी पढ़ाई रोक दी, बल्कि उसके चरित्र पर सवाल उठाकर उसका अपमान किया है। उनकी बेटी आत्महत्या करने को मजबूर है। पिता ने वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर अपना दर्द बयां किया है।
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