लखनऊ: आपूर्ति में नई वर्टिकल व्यवस्था लागू होने के बाद बिजली संगठनों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले विधान सभा की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष और मेरठ कैंट विधायक अमित अग्रवाल भी आपत्ति उठा चुके हैं। इसके अलावा कानपुर, अलीगढ़ और वाराणसी में भी जनप्रतिनिधियों ने सवाल खड़े किए हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को इस व्यवस्था के खिलाफ राज्य विद्युत नियामक आयोग में लोकमहत्व का प्रस्ताव दाखिल कर दिया है।
कॉरपोरेशन ने कानपुर, अलीगढ़, वाराणसी और मेरठ जैसे जिलों में बिजली आपूर्ति को वर्टिकल व्यवस्था लागू कर दी है। लखनऊ में एक नवंबर से यह व्यवस्था लागू होगी। अभी यह व्यवस्था जहां-जहां लागू हुई है, वहां तमाम शिकायतें आ रही है। उपभोक्ता परेशान है। जनप्रतिनिधियों ने भी इस व्यवस्था पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि इस व्यवस्था को लागू करने में जनसहमति नहीं ली गई और नियामक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
विद्युत वितरण संहिता का उल्लंघनपरिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने नियामक आयोग में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया है। वर्टिकल व्यवस्था विद्युत वितरण संहिता का उल्लंघन है। इस संबंध में उनकी डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी से फोन पर बात भी हुई थी, जिसमें डॉ. बाजपेयी ने कहा कि उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद पावर कॉरपोरेशन कैसे इसे लागू कर रहा है?
ऐसा होगा वर्टिकल सिस्टम का स्ट्रक्चरवर्टिकल सिस्टम में अधिशासी अभियंता का जगह अधीक्षण अभियंता लेंगे। तीन में से दो शहरी वाले जोन में वर्टिकल व्यवस्था को अलग-अलग लागू किया जाएगा। इसका मुखिया मुख्य अभियंता होगा। सिस्टम को चलाने की पूरी जिम्मेदारी चार अधीक्षण अभियंताओं की होगी। अधीक्षण अभियंता वाणिज्य इनकी जिम्मेदारी नया कनेक्शन देना, मीटर लगाना, बिल सही करना, बिल वसूली, स्मार्ट मीटर लगाने व 1912 की शिकायतों के निराकरण करना होगा।
अधीक्षण अभियंता तकनीकी बिजली की निर्बाध आपूर्ति इनके जिम्मे रहेगी। शहर में 33 केवी, 11 केवी लाइनों में आए फॉल्ट, जले ट्रांसफॉर्मर बदलने, उपकेंद्रों पर दर्ज होने वाली शिकायतों को निपटाएंगे। अधीक्षण अभियंता परीक्षण इन पर जिम्मेदारी होगी कि मोहल्लों व उपकेंद्रों पर लगे ट्रांसफार्मर सही तरीके से आपूर्ति कर रहे या नहीं, उनकी मॉनिटरिंग करवाए।
क्या है वर्टिकल सिस्टमबिजली विभाग में वर्टिकल सिस्टम के तहत विभागीय कामकाज अब एकीकृत रूप से संचालित होंगे, जिससे जनता को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पूरा सिस्टम काम के आधार पर दो हिस्सों में बाट दिया गया है। बिजली विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे काम तेजी आएगी। साथ ही उपभोक्ताओं को दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि कर्मचारी संगठनों का दावा है कि व्यवस्था और खराब होगी। साथ ही निजी कंपनियों के दबाव में यह पूरा सिस्टम लागू किया जा रहा है। संगठनों का दावा है कि व्यवस्था से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जाएगी।
कॉरपोरेशन ने कानपुर, अलीगढ़, वाराणसी और मेरठ जैसे जिलों में बिजली आपूर्ति को वर्टिकल व्यवस्था लागू कर दी है। लखनऊ में एक नवंबर से यह व्यवस्था लागू होगी। अभी यह व्यवस्था जहां-जहां लागू हुई है, वहां तमाम शिकायतें आ रही है। उपभोक्ता परेशान है। जनप्रतिनिधियों ने भी इस व्यवस्था पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि इस व्यवस्था को लागू करने में जनसहमति नहीं ली गई और नियामक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
विद्युत वितरण संहिता का उल्लंघनपरिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने नियामक आयोग में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया है। वर्टिकल व्यवस्था विद्युत वितरण संहिता का उल्लंघन है। इस संबंध में उनकी डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी से फोन पर बात भी हुई थी, जिसमें डॉ. बाजपेयी ने कहा कि उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद पावर कॉरपोरेशन कैसे इसे लागू कर रहा है?
ऐसा होगा वर्टिकल सिस्टम का स्ट्रक्चरवर्टिकल सिस्टम में अधिशासी अभियंता का जगह अधीक्षण अभियंता लेंगे। तीन में से दो शहरी वाले जोन में वर्टिकल व्यवस्था को अलग-अलग लागू किया जाएगा। इसका मुखिया मुख्य अभियंता होगा। सिस्टम को चलाने की पूरी जिम्मेदारी चार अधीक्षण अभियंताओं की होगी। अधीक्षण अभियंता वाणिज्य इनकी जिम्मेदारी नया कनेक्शन देना, मीटर लगाना, बिल सही करना, बिल वसूली, स्मार्ट मीटर लगाने व 1912 की शिकायतों के निराकरण करना होगा।
अधीक्षण अभियंता तकनीकी बिजली की निर्बाध आपूर्ति इनके जिम्मे रहेगी। शहर में 33 केवी, 11 केवी लाइनों में आए फॉल्ट, जले ट्रांसफॉर्मर बदलने, उपकेंद्रों पर दर्ज होने वाली शिकायतों को निपटाएंगे। अधीक्षण अभियंता परीक्षण इन पर जिम्मेदारी होगी कि मोहल्लों व उपकेंद्रों पर लगे ट्रांसफार्मर सही तरीके से आपूर्ति कर रहे या नहीं, उनकी मॉनिटरिंग करवाए।
क्या है वर्टिकल सिस्टमबिजली विभाग में वर्टिकल सिस्टम के तहत विभागीय कामकाज अब एकीकृत रूप से संचालित होंगे, जिससे जनता को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पूरा सिस्टम काम के आधार पर दो हिस्सों में बाट दिया गया है। बिजली विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे काम तेजी आएगी। साथ ही उपभोक्ताओं को दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि कर्मचारी संगठनों का दावा है कि व्यवस्था और खराब होगी। साथ ही निजी कंपनियों के दबाव में यह पूरा सिस्टम लागू किया जा रहा है। संगठनों का दावा है कि व्यवस्था से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जाएगी।
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