फरीदाबाद : हरियाणा के फरीदाबाद में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की नीमका जेल में जो हुआ वह अजीब है। कैदी को रिहा करने के इस अनूठा मामले की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल जमानत किसी और कैदी को मिली और उसे अपना बताकर 4 साल से जेल में बंद दूसरा कैदी जेल से बाहर आ गया। वह पॉक्सो ऐक्ट में बंद था। जेल प्रशासन इससे अनजान रहा।
नाम और पिता के नाम की समानता ने ऐसा धोखा दिया कि असली जमानत पाने वाला जेल में रह गया, जबकि गंभीर धाराओं में बंद आरोपी फरार हो गया। अब सदर बल्लभगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
बिहार का रहने वाला कैदीकैदी बिहार के पटना जिले का रहने वाला नीतिश कुमार पांडे है। उसके पिता का नाम रविंद्र है। वह राजीव कॉलोनी में परिवार के साथ रहता था। 25 मई को ओल्ड फरीदाबाद के शास्त्री कॉलोनी निवासी नितेश कुमार (पिता-रविंद्र) को मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
26 मई को उसे अदालत से जमानत मिल गई। इस दौरान, जेल में पॉक्सो ऐक्ट में बंद उससे मिलता-जुलता नाम वाला दूसरा आरोपी नीतिश कुमार पांडे जेल अधिकारियों को झांसा देकर जमानत पर रिहा होने में सफल रहा।
ऐसे खुला राज...कैदी 26 मई को जेल से बाहर होने के बाद फरार हो गया। 27 मई को ओल्ड फरीदाबाद निवासी नितेश कुमार के परिवारवाले जेल पहुंचे और उसकी रिहाई के बारे में पूछा, तब जेल प्रशासन को गलती का अहसास हुआ। उन्होंने नितेश कुमार को रिहा किया। इसके बाद जेल प्रशासन ने इस मामले की जानकारी पुलिस के बड़े अधिकारियों को दी।
नाम और पिता के नाम की समानता ने ऐसा धोखा दिया कि असली जमानत पाने वाला जेल में रह गया, जबकि गंभीर धाराओं में बंद आरोपी फरार हो गया। अब सदर बल्लभगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
बिहार का रहने वाला कैदीकैदी बिहार के पटना जिले का रहने वाला नीतिश कुमार पांडे है। उसके पिता का नाम रविंद्र है। वह राजीव कॉलोनी में परिवार के साथ रहता था। 25 मई को ओल्ड फरीदाबाद के शास्त्री कॉलोनी निवासी नितेश कुमार (पिता-रविंद्र) को मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
26 मई को उसे अदालत से जमानत मिल गई। इस दौरान, जेल में पॉक्सो ऐक्ट में बंद उससे मिलता-जुलता नाम वाला दूसरा आरोपी नीतिश कुमार पांडे जेल अधिकारियों को झांसा देकर जमानत पर रिहा होने में सफल रहा।
ऐसे खुला राज...कैदी 26 मई को जेल से बाहर होने के बाद फरार हो गया। 27 मई को ओल्ड फरीदाबाद निवासी नितेश कुमार के परिवारवाले जेल पहुंचे और उसकी रिहाई के बारे में पूछा, तब जेल प्रशासन को गलती का अहसास हुआ। उन्होंने नितेश कुमार को रिहा किया। इसके बाद जेल प्रशासन ने इस मामले की जानकारी पुलिस के बड़े अधिकारियों को दी।
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