नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर इलाके से एक नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने खुद को यूके में बसा कोरियाई बिजनेसमैन बताकर देशभर की 100 से ज्यादा महिलाओं को ठग चुका था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान 29 साल के स्टेफेन उर्फ के सी डॉमिनिक के रूप में हुई है। वह भाषा सीखने वाले एक मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करता था, जिसके जरिए वह अविवाहित महिलाओं से बातचीत करता और फिर उन्हें झांसा देता।
डॉमिनिक खुद को 'डक यंग' नाम का कोरियाई ज्वेलरी कारोबारी बताता था। बातचीत के दौरान वह भरोसा जीतकर महिलाओं से कहता कि एयरपोर्ट या इमीग्रेशन पर बड़ी रकम और डॉक्यूमेंट अटक गए हैं। इसके बाद उसके साथी खुद को अधिकारी बनकर फोन करते और पैसों की मांग करते।
मामला तब खुला जब 24 सितंबर को अंजलि नाम की महिला ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि आरोपी ने खुद को यूके से आया कारोबारी बताया और कहा कि मुंबई एयरपोर्ट पर मेडिकल कार्ड न होने की वजह से रोका गया है। अंजलि को 'इमीग्रेशन अधिकारियों' के नाम पर कॉल आई और उसने आरोपी को ₹48,500 ट्रांसफर कर दिए। बाद में उससे ₹2 लाख और मांगे गए, लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद आरोपी ने संपर्क तोड़ लिया।
शाहदरा साइबर पुलिस ने जांच शुरू की और कॉल डिटेल, बैंक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया अकाउंट खंगालकर डॉमिनिक तक पहुंची। उसके पास से मोबाइल फोन मिला जिसमें 100 से ज्यादा महिलाओं से की गई चैट और फर्जी प्रोफाइल मौजूद थे। पूछताछ में सामने आया कि वह 2019 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर आइवरी कोस्ट का पासपोर्ट बनवाकर भारत आया था, क्योंकि नाइजीरियाई नागरिकों को वीजा लेने में दिक्कत आ रही थी। वीजा खत्म होने के बाद वह अवैध रूप से भारत में रुका और पैसों की तंगी होने पर साइबर ठगी करने लगा।
डॉमिनिक खुद को 'डक यंग' नाम का कोरियाई ज्वेलरी कारोबारी बताता था। बातचीत के दौरान वह भरोसा जीतकर महिलाओं से कहता कि एयरपोर्ट या इमीग्रेशन पर बड़ी रकम और डॉक्यूमेंट अटक गए हैं। इसके बाद उसके साथी खुद को अधिकारी बनकर फोन करते और पैसों की मांग करते।
मामला तब खुला जब 24 सितंबर को अंजलि नाम की महिला ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि आरोपी ने खुद को यूके से आया कारोबारी बताया और कहा कि मुंबई एयरपोर्ट पर मेडिकल कार्ड न होने की वजह से रोका गया है। अंजलि को 'इमीग्रेशन अधिकारियों' के नाम पर कॉल आई और उसने आरोपी को ₹48,500 ट्रांसफर कर दिए। बाद में उससे ₹2 लाख और मांगे गए, लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद आरोपी ने संपर्क तोड़ लिया।
शाहदरा साइबर पुलिस ने जांच शुरू की और कॉल डिटेल, बैंक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया अकाउंट खंगालकर डॉमिनिक तक पहुंची। उसके पास से मोबाइल फोन मिला जिसमें 100 से ज्यादा महिलाओं से की गई चैट और फर्जी प्रोफाइल मौजूद थे। पूछताछ में सामने आया कि वह 2019 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर आइवरी कोस्ट का पासपोर्ट बनवाकर भारत आया था, क्योंकि नाइजीरियाई नागरिकों को वीजा लेने में दिक्कत आ रही थी। वीजा खत्म होने के बाद वह अवैध रूप से भारत में रुका और पैसों की तंगी होने पर साइबर ठगी करने लगा।
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