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कंबोडिया ने UNSC की आपात बैठक में लगाई युद्धविराम की गुहार, थाईलैंड के साथ दूसरे दिन भी भीषण लड़ाई, जानें जंग के बड़े अपडेट्स

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नोमपेन्ह: पड़ोसी देश थाईलैंड से दो दिनों के भीषण सैन्य संघर्ष के बाद अब कंबोडिया ने तत्काल युद्धविराम की गुहार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में कंबोडिया के दूत ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश थाईलैंड के साथ तत्काल युद्धविराम चाहता है। वहीं, बैंकॉक ने भी बातचीत के लिए सकारात्मक संकेत दिया है। इस बीच दोनों पड़ोसियों के बीच लगातार घातक हमले हुए। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद गुरुवार को भीषण युद्ध में बदल गया, जिसमें फाइटर जेट, तोपों, टैंकों और जमीनी सैनिकों ने हिस्सा लिया।



संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संकट को देखते हुए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई। इसमें कंबोडिया और थाईलैंड दोनों की उपस्थिति रही। बंद कमरे में हुई बैठक के बाद नोपपेन्ह के संयुक्त राष्ट्र राजदूत चिया केओ ने कहा कि कंबोडिया ने बिना शर्त तत्काल युद्धविराम की मांग की है और हम भी इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं।



बॉर्डर से सटे इलाकों से निकाले गए लोग

शुक्रवार को भी सीमा के पास तोपों के हमलों की आवाज आती रहीं। कंबोडिया के ओद्दार मींची प्रांत ने बताया कि एक नागरिक मारा गया और 5 अन्य घायल हो गए। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 15 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 14 नागरिक और एक सैनिक है। 46 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 15 सैनिक हैं। देश के सीमावर्ती क्षेत्रों से 138,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।



शुक्रवार को फिर छिड़ी लड़ाई

थाई सेना ने बताया कि शुक्रवार सुबह लगभग 4 बजे तीन इलाकों में लड़ाई फिर शुरू हो गई। कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और BM-21 रॉकेट सिस्टम से गोलीबारी की, जिसका थाई सैनिकों ने उचित गोलीबारी से जवाब दिया। थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालनकुरा ने एएफपी को बताया कि शुक्रवार दोपहर तक लड़ाई कम होने लगी थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बैंकॉक बातचीत के लिए तैयार है।



मलेशिया कर रहा बातचीत में मदद

संभवतः मलेशिया बातचीत में मदद कर रहा है। मलेशिया इस समय आसियान क्षेत्रीय समूह का अध्यक्ष है, जिसके थाईलैंड और कंबोडिया दोनों सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र की बैठक से पहले निकोर्नडेज ने AFP को बताया हम तैयार हैं। अगर कंबोडिया इस मामले को राजनयिक माध्यमों से, द्विपक्षीय रूप से, या मलेशिया के माध्यम से भी सुलझाना चाहता है, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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