Google AI Researchers Left Jobs: जब दुनिया की नामी टेक कंपनियां AI के साथ तेजी से आगे बढ़ने पर प्लानिंग कर रही हैं, तब गूगल के विजन पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि AI की फील्ड के कई दिग्गज कंपनी को अलविदा कह चुके हैं। कई सारे टॉप रिसर्चर्स ने दूसरी कंपनियां जॉइन कर ली हैं, जबकि बाकियों ने खुद का स्टार्टअप शुरू कर लिया है। गूगल के लिए यह चिंताजनक स्थिति है। कंपनी छोड़ने वालों में गूगल के लिए अहम AI पेपर लिखने वाले लियोन जोन्स भी हैं, उन्होंने 'एटेंशन इज ऑल यू नीड' जैसा लोकप्रिय पेपर लिखा था। इनसे पहले भी कई शोधकर्ताओं ने गूगल को छोड़ा है.
गूगल छोड़ कहां गए टॉप AI रिसर्चर्स?इल्या सुत्स्केवर ने साल 2014 में 'सीक्वेंस टू सीक्वेंस लर्निंग' पेपर लिखा, अब वह गूगल छोड़ OpenAI में मुख्य वैज्ञानिक हैं। आशीष वासवानी और निकी परमार ने 'एडेप्ट' नाम से अपना स्टार्टअप शुरू कर लिया है, जो जेनरेटिव AI टूल्स बनाने का काम करता है। नोआम शेजर character.ai के CEO बन चुके हैं। लुकास कैसर OpenAI में जा चुके हैं। बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट बताती है कि ये रिसर्चर गूगल के AI की ओर जाते धीमे कदमों से नाराज थे, क्योंकि कंपनी चैटबॉट लॉन्च करने में हिचक रही थी।
Cohere के को-फाउंडर्स कर चुके गूगल में कामCohere के को-फाउंडर और CEO एडन गोमेज ने डेवलपर्स को अपने ऐप्स और वेबसाइटों में जनरेटिव AI को शामिल करने में मदद की है। इसके लिए लगभग 270 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। उन्होंने गूगल ब्रेन में डेढ़ साल तक बतौर रिसर्चर काम किया। Cohere के ही दूसरे को-फाउंडर निक फ्रॉस्ट ने भी गूगल ब्रेन में चार साल काम किया।
इमेज के डर से चैटबॉट लॉन्च नहीं करना चाहता था गूगलदरअसल, गूगल लंबे टाइम से ChatGPT जैसा चैटबॉट लाना चाहता था, लेकिन वह इसके लिए कॉंफिडेंट नहीं था। उसे चिंता थी कि ऐसा करने से उसकी इमेज को झटका लगेगा। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट बताती है कि गूगल की द्वंद्व की स्थिति के बीच बड़े भाषा मॉडल LaMDA के दो रिसर्चर नियल डी फ्रीटास और नोआम शाजीर कंपनी छोड़कर चले गए।
गूगल अब लाने वाला है जेनरेटिव AIहालांकि, गूगल ने इतिहास में हुई गलतियों से सीख ली है। अब गूगल अपने सभी प्रोडक्ट्स में जेनरेटिव AI लाने वाला है। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। कंपनी ने Bard नाम से एक चैटबॉट भी लॉन्च किया, जो ठीक ChatGPT की तरह ही सवालों का जवाब देता है। गूगल अब अपने प्रोडक्टिविटी सॉफ्टवेयर में भी AI जोड़ेगा। बता दें कि गूगल ने इस मामले में देर कर दी है, इसके प्रतिस्पर्धी माइक्रोसॉफ्ट ने OpenAI में अरबों डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है और खुद के AI प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं।
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