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J&K असेंबली में अंतिम गवर्नर को श्रद्धांजलि पर संग्राम...सत्यपाल मलिक पर भिड़ी बीजेपी, नेशनल कांफ्रेंस

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श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर विधानसभा में श्रद्धांजलि देते वक्त इस पूर्ववर्ती राज्य के आखिरी राज्यपाल दिवंगत सत्यपाल मलिक को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के सदस्यों के बीच तीखी नोंक झोंक हो गई। शरदकालीन सत्र के पहले दिन जब दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तब नेशनल कांफ्रेंस विधायक बशीर वीरी ने सत्यपाल मलिक की भूमिका को विवादास्पद बता दिया। इसपर बीजेपी एमएलए शामलाल शर्मा ने आपत्ति की और उनके शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग शुरू कर दी।

सत्यपाल मलिक की भूमिका पर विवाद
जम्मू और कश्मीर के दसवें और आखिरी राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इसी साल अगस्त में निधन हो गया था। वे 2019 में यहां से अनुच्छेद 370 खत्म करवाने में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उनकी भूमिका को विवादास्पद बताने पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने एनसी एमएलए वीरी से मृतक का सम्मान करने को तो कहा, लेकिन उनके विवादित बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने से इनकार कर दिया।

बीजेपी ने सत्यपाल मलिक को सराहा
बहस के दौरान बीजेपी के विक्रम रंधावा ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 एक ऐतिहासिक दिन था, जब आर्टिकल 370 खत्म किया गया। सत्यपाल मलिक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक सामान्य शख्स को पांच राज्यों का गवर्नर नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनकी प्रतिभा देखी और उन्हें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि 5 अगस्त जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक दिन है; और यह एक संयोग ही है कि सत्यपाल मलिक का निधन इस साल 5 अगस्त को ही हुआ।

'मलिक ने असंवैधानिक काम किए'
रंधावा की इन बातों पर कुछ नेशनल कांफ्रेंस विधायकों ने विरोध जताया। नजीर गुरेज ने दावा किया कि मलिक ने 'कुछ असंवैधानिक काम' किए, जिन्हें इतिहास में लिखा जाएगा। हालांकि,बीजेपी एमएलए नरेंद्र सिंह ने कहा कि 'एक राष्ट्र,एक संविधान' का लक्ष्य प्राप्त करने का श्रेय मलिक को जाता है। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा बोले कि सदस्यों को उन लोगों के बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहिए, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यही बात कल हमारे साथ भी हो सकती है। उन्होंने पूछा कि तब परिवार को कैसा महसूस होगा?

'जो कुछ किया,अच्छे इरादे से किया'
इसपर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इसी भावना को दोहराते हुए कहा कि हर कोई जाने या अनजाने में कुछ गलतियां करता है। उन्होंने कहा कि हम में से कोई भी अल्लाह का भेजा फरिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने भी गलतियां की हैं। सत्यपाल मलिक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे एक विधायक, एक सांसद, केंद्र में एक मंत्री और फिर राज्यपाल रहे। उन्होंने कहा कि जब इतिहास लिखा जाएगा,तो हर किसी का जिक्र किया जाएगा। उनके मुताबिक वह ये मानना चाहेंगे कि उन्होंने जो कुछ भी किया, वह अच्छे इरादे से किया।

मलिक को ज्यादातर दलों का समर्थन
इसी तरह कांग्रेस विधायक दल के नेता जीए मीर ने उनको एक अच्छा नेता बताया, जो 'स्पष्टवादी' और 'लोकप्रिय' थे। उन्होंने कहा कि मलिक ने अपने आखिरी दिनों में सच के लिए संघर्ष किया। पीडीपी एमएलए रफीक नाइक ने भी कहा कि भले ही मलिक के साथ मतभेद रहे हों, लेकिन श्रद्धांजलि देते समय उनके बारे में नकारात्मक नहीं बोलना चाहिए। जबकि, सीपीएम के एमवाई तारिगामी की दलील थी कि श्रद्धांजलि का यह मतलब नहीं है कि हम कोई सबक न सीखें। इसी तरह से अवामी इत्तेहाद पार्टी के सदस्य शेख खुर्शीद ने कहा कि रचनात्मक आलोचना की अनुमति दी जानी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के आखिरी राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बाद में किसानों के मुद्दों को उठाया और वे एक ईमानदार राजनेता थे। (पीटीआई इनपुट पर आधारित)

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