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निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान, यमन में अब नहीं होगी फांसी, केरल की नर्स के मामले में भारत की बड़ी जीत

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नई दिल्ली: यमन में फांसी की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को जीवनदान मिल गया है। अब केरल की नर्स को यमन में फांसी नहीं दी जाएगी। सजा रद्द कराने की कोशिशों में जुटे धार्मिक मुस्लिम नेता 'भारत के ग्रैंड मुफ्ती' कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है।



ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय की तरफ से न्यूज एजेंसी को बताया गया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा अब पूरी तरह से रद्द कर दी गई है। इस सजा को पहले निलंबित कर दिया गया था। अब फांसी के फैसले को पूरी तरह से पलट दिया गया है। इस फैसले को लेकर यमन की राजधानी सना में एक उच्च-स्तरीय बैठक की गई। इस मीटिंग में तय हुआ कि मौत की सजा को रद्द कर दिया जाए।



निमिषा के परिवार ने नहीं छोड़ी थी उम्मीदेंबता दें कि इससे निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें की जा रही थीं। निमिषा प्रिया के परिवार ने उन्हें बचाने को लेकर उम्मीद नहीं छोड़ी थी। इतना ही नहीं निमिषा की 13 साल की बेटी मिशेल भी उन्हें बचाने के लिए यमन की राजधानी सना पहुंची थीं। उन्होंने अपनी मां को माफ करने की अपील की थी। ईसाई प्रचारक केए पॉल ने निमिषा की बेटी की अपील का वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में मिशेल हूती विद्रोहियों से अपनी मां को माफ कर देने की अपील करती नजर आ रही थी।





निमिषा को क्यों सुनाई गई थी फांसी की सजाबता दें कि केरल की नर्स निमिषा प्रिया रोजगार की तलाश में यमन गईं थीं। बाद में निमिषा ने एक स्थानीय शख्स के साथ मिलकर अपना मेडिकल क्लिनिक शुरू किया था। बाद में निमिषा प्रिया ने आरोप लगाया कि उनके साथ धोखा हुआ है और उनके क्लिनिक और कमाई को धोखे से हड़प लिया गया। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने पार्टनर खालिद को बेहोश करने वाला इंजेक्शन लगाया और ओवरडोज की वजह से उसकी मौत हो गई। निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।

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