कैथल: कैथल और जींद के कुल 17 युवाओं को अमेरिका में बिना कानूनी दस्तावेजों के पाए जाने पर वहां की अथॉरिटीज ने हथकड़ी लगाकर भारत वापस भेज दिया। ये सभी युवा कथित तौर पर 'डंकी रूट' यानी अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से हरियाणा भेजे गए ये सभी 50 युवा 25 से 30 साल की उम्र के हैं। कैथल के जिन 14 युवाओं को वापस भेजा गया है। उनमें तारगढ़ के नरेश, पीदड़ के कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी के मुकेश, कैथल सिटी के रितिक, जडाऊला के सुखबीर सिंह, हबरी के अमित, बुच्ची के अभिषेक, बट्टा के मोहित, पाबनावां के अशोक कुमार, सेरधा के आशीष, हबरी के दमनप्रीत, सिसला के प्रभात और धंध के सतनाम सिंह शामिल हैं।
कैथल जिले के वापस भेजे गए 14 युवाओं में से एक नरेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें हथकड़ी लगाकर अमेरिका से फ्लाइट में भारत लाया गया। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने अपनी खेती की जमीन बेच दी थी और एक एजेंट को 57 लाख रुपये दिए थे। नरेश ने कहा कि वे पनामा जंगल के रास्ते अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने 14 महीने जेल में बिताए और फिर उन्हें वापस भेज दिया गया। नरेश ने यह भी दावा किया कि एजेंट हर सीमा पार करने पर उनसे पैसे वसूलता रहा।
उन्होंने बताया कि एजेंट ने पहले 42 लाख रुपये लिए, फिर ग्वाटेमाला में 6 लाख, मेक्सिको पहुंचने पर 6 लाख और बाकी पैसे सीमा पार करते समय लिए। नरेश ने कहा कि एजेंट ने उन्हें सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने के बजाय गिरफ्तार करवा दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और दूसरों से 'डंकी रूट' से अमेरिका न जाने की अपील की।
कैथल की पुलिस अधीक्षक (SP) उपासना ने बताया कि सभी युवाओं को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि केवल एक व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया है, लेकिन बाकी सभी के रिकॉर्ड की भी अच्छी तरह से जांच की जा रही है। वहीं, जींद के SP कुलदीप सिंह ने बताया कि भैरों खेड़ा के राजेश का बेटा अजय, निमनाबाद के तेहल सिंह का बेटा लबजोत सिंह और पिलुखेड़ा के जोगेंद्र का बेटा नवीन 'डंकी रूट' से अमेरिका गए थे। अब ये तीनों युवा अमेरिका से सुरक्षित वापस लौट आए हैं। जींद पुलिस की एक टीम ने DSP संदीप कुमार की देखरेख में उन्हें सुरक्षित उनके परिवारों को सौंप दिया।
SP कुलदीप सिंह ने कहा कि 'डंकी रूट' से विदेश जाना एक गंभीर आपराधिक अपराध है और इससे समाज की छवि भी खराब होती है। उन्होंने बताया कि ऐसे अवैध सफर में न केवल पैसों का नुकसान होता है, बल्कि जान का भी बहुत बड़ा खतरा होता है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा रास्ते में शारीरिक शोषण, धोखाधड़ी और यहां तक कि मौत का भी सामना करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि जो भी विदेश जाना चाहता है, उसे हमेशा कानूनी और सही तरीकों से ही जाना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि वीजा के लिए आवेदन करने से पहले एजेंट या संस्था की विश्वसनीयता की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनजान लोगों द्वारा किए गए झूठे वादों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। विदेश अवैध रूप से जाना न केवल पैसे की बर्बादी है, बल्कि यह समाज को एक नकारात्मक संदेश भी भेजता है।
कैथल जिले के वापस भेजे गए 14 युवाओं में से एक नरेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें हथकड़ी लगाकर अमेरिका से फ्लाइट में भारत लाया गया। उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने अपनी खेती की जमीन बेच दी थी और एक एजेंट को 57 लाख रुपये दिए थे। नरेश ने कहा कि वे पनामा जंगल के रास्ते अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने 14 महीने जेल में बिताए और फिर उन्हें वापस भेज दिया गया। नरेश ने यह भी दावा किया कि एजेंट हर सीमा पार करने पर उनसे पैसे वसूलता रहा।
उन्होंने बताया कि एजेंट ने पहले 42 लाख रुपये लिए, फिर ग्वाटेमाला में 6 लाख, मेक्सिको पहुंचने पर 6 लाख और बाकी पैसे सीमा पार करते समय लिए। नरेश ने कहा कि एजेंट ने उन्हें सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने के बजाय गिरफ्तार करवा दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और दूसरों से 'डंकी रूट' से अमेरिका न जाने की अपील की।
कैथल की पुलिस अधीक्षक (SP) उपासना ने बताया कि सभी युवाओं को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि केवल एक व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया है, लेकिन बाकी सभी के रिकॉर्ड की भी अच्छी तरह से जांच की जा रही है। वहीं, जींद के SP कुलदीप सिंह ने बताया कि भैरों खेड़ा के राजेश का बेटा अजय, निमनाबाद के तेहल सिंह का बेटा लबजोत सिंह और पिलुखेड़ा के जोगेंद्र का बेटा नवीन 'डंकी रूट' से अमेरिका गए थे। अब ये तीनों युवा अमेरिका से सुरक्षित वापस लौट आए हैं। जींद पुलिस की एक टीम ने DSP संदीप कुमार की देखरेख में उन्हें सुरक्षित उनके परिवारों को सौंप दिया।
SP कुलदीप सिंह ने कहा कि 'डंकी रूट' से विदेश जाना एक गंभीर आपराधिक अपराध है और इससे समाज की छवि भी खराब होती है। उन्होंने बताया कि ऐसे अवैध सफर में न केवल पैसों का नुकसान होता है, बल्कि जान का भी बहुत बड़ा खतरा होता है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा रास्ते में शारीरिक शोषण, धोखाधड़ी और यहां तक कि मौत का भी सामना करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि जो भी विदेश जाना चाहता है, उसे हमेशा कानूनी और सही तरीकों से ही जाना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि वीजा के लिए आवेदन करने से पहले एजेंट या संस्था की विश्वसनीयता की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनजान लोगों द्वारा किए गए झूठे वादों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। विदेश अवैध रूप से जाना न केवल पैसे की बर्बादी है, बल्कि यह समाज को एक नकारात्मक संदेश भी भेजता है।
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