भोपाल: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को हिंदू छात्रों को योग और सूर्य नमस्कार की आड़ में नमाज़ पढ़ाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक और सांप्रदायिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसके बाद ज़िला प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है। हालांकि, शिक्षक ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि जिस योगासन की बात हो रही है, वह शशांकासन है, जो एक मानक आसन है और हो सकता है कि कुछ अभिभावकों ने इसे नमाज़ समझ लिया हो।
हिंदू जागरण मंच के सदस्यों का विरोध
शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवहारी गांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक जाबूर तड़वी को हिंदू जागरण मंच के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, दिवाली की छुट्टियों के दौरान, कुछ ग्रामीणों और अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि छात्रों को योग के नाम पर नमाज़ जैसे आसन करवाए जा रहे थे। इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए, स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने ज़िला शिक्षा अधिकारी को सूचित किया, जिन्होंने मामले की रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक टीम भेजी।
मुस्लिम शिक्षक पर कार्रवाई की मांग
इसके तुरंत बाद, हिंदू जागरण मंच के प्रतिनिधि गांव पहुंचे और मुस्लिम शिक्षक पर सूर्य नमस्कार की आड़ में हिंदू बच्चों को नमाज़ पढ़ाने और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की। बुरहानपुर ज़िला प्रशासन ने जांच लंबित रहने तक तड़वी को निलंबित कर दिया है। अतिरिक्त कलेक्टर वीर सिंह चौहान ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमें घटना की जानकारी मिली है। संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।'
जानबूझकर गतिविधियां करने का आरोप
हिंदू जागरण मंच के ज़िला समन्वयक अजीत परदेशी ने आरोप लगाया कि शिक्षक द्वारा यह गतिविधियां जानबूझकर की गई थीं। एक सरकारी शिक्षक बच्चों को योग के बहाने नमाज़ जैसे आसन करवा रहा था। मैंने खुद छात्रों से बात की। प्रधानाचार्य ने भी इन गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं और यह गलत है।
शिक्षक ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर एक बयान में, ज़बूर तड़वी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने दावा किया कि वे छात्रों को योग सिखाने के सरकारी निर्देशों का पालन कर रहे थे और यह भ्रम एक खास आसन शशांकासन के कारण पैदा हुआ, जो देखने में नमाज़ जैसा लगता है। तड़वी ने लिखा, बच्चे बस योग का अभ्यास कर रहे थे। इस आसन को नमाज़ समझ लिया गया। मेरा पक्ष सुने बिना मुझे निलंबित करना अन्यायपूर्ण है। कई मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता और समुदाय के प्रतिनिधि अब तड़वी के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
हिंदू जागरण मंच के सदस्यों का विरोध
शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवहारी गांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक जाबूर तड़वी को हिंदू जागरण मंच के सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, दिवाली की छुट्टियों के दौरान, कुछ ग्रामीणों और अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि छात्रों को योग के नाम पर नमाज़ जैसे आसन करवाए जा रहे थे। इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए, स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने ज़िला शिक्षा अधिकारी को सूचित किया, जिन्होंने मामले की रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक टीम भेजी।
मुस्लिम शिक्षक पर कार्रवाई की मांग
इसके तुरंत बाद, हिंदू जागरण मंच के प्रतिनिधि गांव पहुंचे और मुस्लिम शिक्षक पर सूर्य नमस्कार की आड़ में हिंदू बच्चों को नमाज़ पढ़ाने और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की। बुरहानपुर ज़िला प्रशासन ने जांच लंबित रहने तक तड़वी को निलंबित कर दिया है। अतिरिक्त कलेक्टर वीर सिंह चौहान ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमें घटना की जानकारी मिली है। संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।'
जानबूझकर गतिविधियां करने का आरोप
हिंदू जागरण मंच के ज़िला समन्वयक अजीत परदेशी ने आरोप लगाया कि शिक्षक द्वारा यह गतिविधियां जानबूझकर की गई थीं। एक सरकारी शिक्षक बच्चों को योग के बहाने नमाज़ जैसे आसन करवा रहा था। मैंने खुद छात्रों से बात की। प्रधानाचार्य ने भी इन गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं और यह गलत है।
शिक्षक ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर एक बयान में, ज़बूर तड़वी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने दावा किया कि वे छात्रों को योग सिखाने के सरकारी निर्देशों का पालन कर रहे थे और यह भ्रम एक खास आसन शशांकासन के कारण पैदा हुआ, जो देखने में नमाज़ जैसा लगता है। तड़वी ने लिखा, बच्चे बस योग का अभ्यास कर रहे थे। इस आसन को नमाज़ समझ लिया गया। मेरा पक्ष सुने बिना मुझे निलंबित करना अन्यायपूर्ण है। कई मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता और समुदाय के प्रतिनिधि अब तड़वी के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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