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मशहूर सिंगर और एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित का निधन, 71 की उम्र में नानावती अस्पताल में ली आखिरी सांस

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फिल्मी दुनिया में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेर चुकीं सुलक्षणा पंडित का निधन हो गया। 71 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। निधन की वजह अभी बताई नहीं गई है लेकिन कहा जा रहा है कि वो लंबे समय से बीमार चल रही थीं। सुलक्षणा के भाई व संगीत निर्देशक ललित पंडित ने उनके निधन की खबर को कन्फर्म किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस काफी समय से बीमार थीं। उन्हें हुआ क्या था, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। एक्ट्रेस की मौत की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर फैन्स उन्हें याद कर रहे हैं और उनके लिए दुख जता रहे हैं। खबर है कि उन्होंने नानावती अस्पताल में आखिरी सांस ली। बताया जाता है कि उन्होंने केवल 9 साल की उम्र से संगीत की राह चुनी थी। 1967 में प्लेबैक सिंगिंग में कदम रखते हुए 1975 में फिल्म 'संकल्प' में गीत 'तू ही सागर है तू ही किनारा' गाया था।


महान शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के खानदान से थीं सुलक्षणा
बताते चलें कि सुलक्षणा पंडित का जन्म 1954 में हुआ था। वो एक संगीत-परिवार से ताल्लुक रखती थीं। सुलक्षणा के चाचा महान शास्त्रीय गायक पंडित जसराज थे। वहीं उनके भाई-बहनों की बात करें तो उनकी तीन बहनें और तीन भाई हैं। भाइयों में जतिन-ललित की जोड़ी म्यूजिक इंडस्ट्री की नामी जोड़ी रही है। वहीं बहन विजयता पंडित भी बॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेसेस में से एक रही हैं।



सुलक्षणा ने कभी शादी नहीं की
पर्सनल लाइफ की जहां तक बात है सुलक्षणा ने कभी शादी नहीं की। कहते हैं कि उनके और एक्टर संजीव कुमार के बीच कुछ ऐसा जुड़ाव रहा था जिसने उनके जीवन में गहरा असर छोड़ा। कहते हैं ति संजीव कुमार की तरफ से सुलक्षणा के शादी के प्रपोजल को ठुकराने के बाद उनका दिल टूट गया और उन्होंने कभी शादी नहीं की। उन्होंने इसे के बाद फैसला ले लिया कि अब जिंदगी भर किसी से शादी नहीं करूंगी, अकेली रहूंगी और अपने आखिरी समय में आज भी वो अकेली ही रह गईं।

सुलक्षणा धीरे-धीरे डिप्रेशन में चली गई थीं
कहते हैं कि ये प्यार अधूरा रहने के कारण सुलक्षणा धीरे-धीरे डिप्रेशन में चली गईं। उन्होंने इसके बाद जान देने तक की कोशिश की। साल 199 में अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'संजीव जी के चले जाने के बाद मैं डिप्रेशन में चली गई। मैंने लगभग खुद को खत्म ही कर लिया था लेकिन ऊपर वाले की मर्जी थी और मैं बच गई।' उन्होंने ये भी कहा था, 'आज भी मैं अपनी जिंदगी जी रही हूं, हालांकि मैं अभी भी उस सदमे से उबरी नहीं हूं'

विजयता पंडित और बहनोई आदेश श्रीवास्तव ने किया था खास प्लान
उनकी बहन विजयता पंडित और बहनोई आदेश श्रीवास्तव ने उनके लिए एक भक्ति एल्बम बनाने की प्लानिंग की थी, लेकिन ऐसा करने से पहले ही आदेश की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि वो एक बार बाथरूम में गिर पड़ी थीं जिसके बाद उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई। सुलक्षणा अपनी चार सर्जरी के बाद भी वो ठीक से चल नहीं पाती थीं और लोगों से मिलना-जुलना उन्होंने लगभग बंद कर दिया था। वहीं विजयता पंडित ने बताया था कि उन्होंने लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया था। वहीं उन्हें हेल्थ इशूज की वजह से उन्हें फाइनैंशियल दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा था।


सुलक्षणा की फिल्में और गाने
एक्टिंग की बात करें तो उन्होंने 1970-80 के दशक में उन्होंने कई फिल्में कीं। साल 1975 में 'उलझन' आई जिसमें वो संजीव कुमार के साथ दिखीं। वहीं जितेन्द्र के साथ 1976 में 'संकोच' और 'खानदान' (1979) जैसी फिल्में आईं। वहीं सुलक्षणा के गानों की बात करें तो 1971 में आई 'दूर का राही' फिल्म में बेकरार-ए-दिल तू गाए जा, 'चलते चलते' फिल्म में 'सपनों का रजा कोई', फिल्म 'संकोच' में 'बांधी रे काहे प्रीत' जैसे कई गाने उन्होंने गाए। हालांकि, वो भले अब इस दुनिया में सशरीर नहीं हों, लेकिन उनकी आवाज हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी।
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