रामबाबू मित्तल, मुजफ्फरनगर: मुख्तार अंसारी और संजीव जीवा जैसे कुख्यात अपराधियों से जुड़े शार्प शूटर शाहरुख पठान की मुठभेड़ में मौत के बाद उसके आपराधिक नेटवर्क से जुड़े कई नए खुलासे सामने आ रहे हैं। एसटीएफ की ताजा जांच में पता चला है कि पठान पश्चिमी यूपी के एक पूर्व विधायक के लिए विवादित जमीनों के सौदे करता था। वह न सिर्फ जमीन कब्जाने के लिए लोगों को धमकाता था, बल्कि इसके बदले में उसे राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ था।
पूर्व विधायक का था संरक्षण प्राप्त
छपार क्षेत्र के बिजोपुरा गांव में हाल ही में हुई मुठभेड़ में शाहरुख पुलिस की गोली से मारा गया। इसके बाद से एसटीएफ उसकी पृष्ठभूमि और जुड़ावों की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, शाहरुख का कई नेताओं से संपर्क था और वह एक प्रभावशाली पूर्व विधायक के लिए जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने का 'काला काम' करता था। जमीन पर कब्जा दिलाने या विवादित सौदे तय कराने के बदले में वह पीड़ितों को खुलेआम धमकाता था।
इतना ही नहीं, जांच में यह चौंकाने वाली बात भी सामने आई है कि शाहरुख ने 'मोहम्मद आजम' नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा रखा था। इसी पासपोर्ट की मदद से उसने खाड़ी देशों की यात्रा की। एसटीएफ अब उसकी विदेश यात्राओं, मुलाकातों और वहां की गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है।
नेताओं और फर्जी पासपोर्ट बनाने वालों पर घूमी जांच
एसटीएफ के एसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि शाहरुख के नेटवर्क को खंगाल रहे है, अभी तक कई अहम जानकारी उन्हें मिल चुकी है। ये भी पता किया जा रहा है कि शाहरुख पठान का नकली पासपोर्ट बनाने वाला कौन था और अब टेक्नकिटने फर्ज पासपोर्ट वो बनवा चुका है।
वहीं सूत्रों की माने तो शाहरुख पठान का नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं था, बल्कि वह अन्य राज्यों में भी सक्रिय था और संभवतः अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से भी संपर्क में था। एसटीएफ अब उन नेताओं की पहचान कर रही है जो शाहरुख को संरक्षण देते थे या जिनके लिए वह काम करता था, वही नेताओं पर घूमी जांच ने राजनीति गलियारे में हड़कंप मचा दिया है।
पूर्व विधायक का था संरक्षण प्राप्त
छपार क्षेत्र के बिजोपुरा गांव में हाल ही में हुई मुठभेड़ में शाहरुख पुलिस की गोली से मारा गया। इसके बाद से एसटीएफ उसकी पृष्ठभूमि और जुड़ावों की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, शाहरुख का कई नेताओं से संपर्क था और वह एक प्रभावशाली पूर्व विधायक के लिए जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने का 'काला काम' करता था। जमीन पर कब्जा दिलाने या विवादित सौदे तय कराने के बदले में वह पीड़ितों को खुलेआम धमकाता था।
इतना ही नहीं, जांच में यह चौंकाने वाली बात भी सामने आई है कि शाहरुख ने 'मोहम्मद आजम' नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा रखा था। इसी पासपोर्ट की मदद से उसने खाड़ी देशों की यात्रा की। एसटीएफ अब उसकी विदेश यात्राओं, मुलाकातों और वहां की गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है।
नेताओं और फर्जी पासपोर्ट बनाने वालों पर घूमी जांच
एसटीएफ के एसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि शाहरुख के नेटवर्क को खंगाल रहे है, अभी तक कई अहम जानकारी उन्हें मिल चुकी है। ये भी पता किया जा रहा है कि शाहरुख पठान का नकली पासपोर्ट बनाने वाला कौन था और अब टेक्नकिटने फर्ज पासपोर्ट वो बनवा चुका है।
वहीं सूत्रों की माने तो शाहरुख पठान का नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं था, बल्कि वह अन्य राज्यों में भी सक्रिय था और संभवतः अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से भी संपर्क में था। एसटीएफ अब उन नेताओं की पहचान कर रही है जो शाहरुख को संरक्षण देते थे या जिनके लिए वह काम करता था, वही नेताओं पर घूमी जांच ने राजनीति गलियारे में हड़कंप मचा दिया है।
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