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पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' के खिलाफ बड़ा ऐक्शन, अमेरिका ने घोषित किया आतंकवादी संगठन

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वॉशिंगटन: अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार 17 जुलाई को इसकी घोषणा की है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी इस समूह ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए बताया कि टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामिक वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया गया है।



द रेजिस्टेंस फ्रंट को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी समूह बताया। लश्कर को पहले से ही संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने ही एक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध किया है। पहलगाम आतंकी हमले समेत भारत के खिलाफ कई हमलों में TRF के शामिल होने का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह फैसला 'ट्रंप प्रशासन की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के न्याय का आह्वान को लागू करने की प्रतिबद्धता' को दर्शाता है।



लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी पर ऐक्शन

बयान में कहा गया है कि 'इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और कार्यकारी आदेश 13224 के तहत लश्कर-ए-तैयबा के टीआरएफ और अन्य संबंधित उपनामों FTO और SDGT के रूप में मान्यता दी गई है। विदेश विभाग ने लश्कर-ए-तैयबा के FTO पदनाम की समीक्षा की है और उसे बरकरार रखा है।'



बयान में टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी बताया गया है, जिसने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी यह 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद से भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था। टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 में हुआ हमला भी शामिल है।

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पहलगाम हमले में हुआ था नरसंहार

पहलगाम हमले ने भारत को हिला दिया था। हमले के बाद जिंदा बचे लोगों ने बताया था कि लोगों को धर्म पूछकर गोली मारी गई थी। लोगों को गोली मारने से पहले उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया था। मारे गए 26 पीड़ितों में अधिकांश हिंदू थे। टीआरएफ ने तत्काल ही इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। पहलगाम हत्याकांड के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकी नेटवर्क पर लक्षित हमले किए गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हुआ, जो 10 मई को खत्म हुआ।

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