कानपुर के झकरकटी बस अड्डे को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है। जून महीने से झकरकटी बस अड्डा अगले दो से तीन वर्षों के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान यहां एक अत्याधुनिक और इंटरनेशनल लेवल का नया बस अड्डा तैयार किया जाएगा। इस परियोजना का निर्माण पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत होगा।
अस्थाई बस स्टैंड की व्यवस्थाजब तक नया बस अड्डा तैयार नहीं होता, तब तक बसों के संचालन के लिए रावतपुर, सिंहनेर सिटी, पैपर्स फैक्ट्री सहित कुछ अन्य स्थानों पर अस्थाई बस अड्डे बनाए जाएंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है झकरकटी बस अड्डा?झकरकटी बस अड्डा कानपुर का सबसे व्यस्त बस अड्डा है, जहां से प्रतिदिन करीब 1050 बसें विभिन्न शहरों के लिए रवाना होती हैं। यहां से बांदा, चित्रकूट, उरई, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज समेत कई शहरों और राज्यों के लिए बस सेवाएं संचालित होती हैं।
क्या-क्या होंगी नई सुविधाएं?नए बस अड्डे में 16 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। यह बस अड्डा मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, यात्रियों के लिए आरामदायक वेटिंग रूम, फूड कोर्ट और किड्स जोन जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ी स्क्रीन पर बसों के आगमन और प्रस्थान की जानकारी उपलब्ध होगी। साथ ही बस कर्मचारियों के लिए करीब 100 स्टाफ के लिए अलग से कार्यालय भी बनाया जाएगा।
खर्च और योजनाइस परियोजना पर लगभग 143 करोड़ रुपये का खर्च होगा। बस अड्डे का एक हिस्सा मॉल के रूप में विकसित होगा। भविष्य में इसे मेट्रो स्टेशन से भी जोड़ा जाएगा। बस अड्डे के किनारों पर बसों के लिए अलग-अलग शेड बनाए जाएंगे, जहां लंबी और छोटी दूरी की बसों के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी।
प्रमुख जानकारी:- कुल खर्च: 143 करोड़ रुपये
- कुल प्लेटफॉर्म: 16
- सुविधाएं: मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स, वेटिंग रूम, फूड कोर्ट, किड्स जोन
- निर्माण मॉडल: पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)
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