News India Live, Digital Desk: Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। हर महीने दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है, जिसमें से एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में पड़ता है। शुक्र प्रदोष व्रत विशेष रूप से संतान सुख और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं 2025 में वैशाख मास के शुक्र प्रदोष की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में।
- वैशाख मास, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 9 मई 2025, दोपहर 2:56 बजे से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 मई 2025, शाम 5:29 बजे तक
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: 9 मई 2025, शाम 7:01 बजे से रात 9:08 बजे तक
दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए: शुक्र प्रदोष के दिन शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति पर एक ही मौली (कलावा) सात बार लपेटें। ध्यान रखें कि मौली बीच में टूटे नहीं। सात बार लपेटने के बाद बिना गांठ लगाए वहीं छोड़ दें।
परिवार में सुख-शांति के लिए: शाम को शिव मंदिर में एक घी का दीपक (सीधी सफेद रूई की बत्ती के साथ) और एक तेल का दीपक (आड़ी लाल रूई की बत्ती के साथ) जलाएं।
धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए: सवा किलो साबुत चावल और थोड़ा दूध लेकर शिव मंदिर में दान करें।
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