इंटरनेट डेस्क। सोमवती अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व माना जाता हैं यह पित्रों के लिए बहुत बड़ी अमावस्या होती है। ऐसे में सोमवार के दिन जो भी अमावस्या तिथि पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या में नदी में स्नान करने को बहुत महत्व दिया गया है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन नदी में स्नान, पितृ तर्पण आदि करें।
कब हैं सोमवती अमावस्या
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि सोमवार यानी 26 मई को है, इस सोमवती अमावस्या आप पितरों के अलावा भगवान शिव की कृपा प्राप्ति भी पा सकते हैं, इस दिन पर कुछ विशेष कार्य कर भोलेनाथ को तुरंत प्रसन्न कर उनकी कृपा पा सकते हैं। इस दिन कुछ उपाय करके शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती हैं, ऐसे में जानेंगे की सोमवती अमावस्या तिथि पर कौन कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
बनी रहती है शिव जी की कृपा
सोमवती अमावस्या पर अगर शिव जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करें और शिवलिंग पर अभिषेक करें और जल, दूध, दही, शहद आदी अर्पित करें। शिव जी आराधना करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें। भगवान शिव को इस दिन खीर या सफेद मिठाई का भोग जरूर अर्पित करें।
पितृ होंगे प्रसन्न
सोमवती अमावस्या पर अगर पितृ तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य करें तो पितरों को तृप्ति मिलती। अमावस्या तिथि पर अगर पीपल वृक्ष की पूजा करें और गाय की सेवा कर हरी घास का भोग करवाएं तो इसका खूब सारा आशीर्वाद पाया जा सकता है। सोमवती अमावस्या पर पितृ चालीसा का पाठ करना भी शुभ होता है।
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