अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनाना फिलहाल आसान नहीं दिख रहा है। नियमों की बात करें तो इस पद के लिए पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) यानी परास्नातक होना जरूरी है, जबकि रिंकू सिंह ने सिर्फ हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है। बीएसए बनने के लिए नियमों में कुछ छूट दी गई है। इसके तहत खिलाड़ियों को पढ़ाई पूरी करने के लिए सात साल का समय दिया जाता है। लेकिन रिंकू अगर पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो उन्हें पीजी की डिग्री मिलने में कम से कम आठ साल लग जाएंगे। यानी छूट का समय भी उनके लिए काफी नहीं होगा।
यही वजह है कि इस पद पर उनकी तैनाती नियमों पर खरी नहीं उतर रही है। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की योजना के तहत सात खिलाड़ियों को श्रेणी-2 अधिकारी बनाने की संस्तुति की गई है। इस सूची में रिंकू सिंह का नाम भी शामिल है। हालांकि, उन्हें बीएसए बनाने के प्रस्ताव पर विभाग में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। रिंकू सिंह को सरकारी नौकरी जरूर दी जाएगी, लेकिन बीएसए जैसे शैक्षणिक पद पर नहीं। इसलिए उनकी किसी अन्य विभाग में तैनाती की संभावना है। बुधवार को जब रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों की नियुक्ति संबंधी पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए तो पूरे मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई। लोगों ने सवाल उठाया कि क्या बिना जरूरी पढ़ाई किए कोई बीएसए बन सकता है?
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