मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के सिलसिले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार, 1 सितंबर को सुनवाई की। कोर्ट ने आंदोलनकारियों को कड़ी फटकार लगाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि आजाद मैदान को छोड़कर सभी अन्य जगहों से प्रदर्शनकारियों को कल दोपहर तक हटना होगा।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आम आदमी का जीवन बाधित नहीं होना चाहिए और शहर की गतिविधियाँ रोकी नहीं जा सकती हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि गणेश उत्सव के दौरान शहर में यातायात और सामान्य जीवन सुचारू रूप से चलना चाहिए। कोर्ट ने आदेश दिया कि कल शाम 4 बजे तक सभी सड़कें खाली करवा ली जाएं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आंदोलनकारियों और उनके प्रतिनिधियों को कड़ी चेतावनी दी कि अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कानूनन कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय ने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार दूसरों के जीवन और शहर की सामान्य गतिविधियों को बाधित नहीं कर सकता।
मराठा आरक्षण आंदोलन पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र में जारी है। आंदोलनकारियों की मांग है कि उन्हें आरक्षण के तहत विशेष सुविधाएं और रोजगार के अवसर दिए जाएँ। मनोज जरांगे और अन्य नेताओं ने आंदोलन के माध्यम से सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन हाई कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना सर्वोपरि है।
अधिकारियों ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने आजाद मैदान और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। सड़कें और सार्वजनिक स्थान खाली कराने के लिए प्रशासनिक तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। शहरवासियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे शांतिपूर्ण रूप से High Court के आदेश का पालन करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावी और सामाजिक संवेदनशील माहौल में इस तरह के आंदोलन अक्सर तेजी से फैलते हैं। हाई कोर्ट का यह आदेश स्पष्ट संकेत है कि सार्वजनिक जीवन और सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि गणेश उत्सव जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान शहर में यातायात और सामाजिक गतिविधियों में किसी भी तरह की बाधा अस्वीकार्य है। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपने विरोध को समाप्त करें और कानून के दायरे में रहते हुए अपनी आवाज उठाएँ।
महाराष्ट्र सरकार ने आदेश के पालन की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रशासन सभी आवश्यक कदम उठाएगा ताकि सड़कें और सार्वजनिक स्थान समय पर खाली हो जाएँ। सरकार ने आंदोलनकारियों से भी अपील की कि वे जनता और शहरवासियों के जीवन में बाधा न डालें।
इस आदेश के बाद, मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच अगले कुछ घंटों में निर्णायक संवाद होने की संभावना है। शहरवासियों की निगाह अब High Court के आदेश के पालन और आंदोलन के शांतिपूर्ण समापन पर टिकी है।
You may also like
SA20 सीजन 4 की नीलामी में 541 खिलाड़ियों का महासमर, लेकिन एक भी भारतीय स्टार नहीं शामिल!
भीलवाड़ा के आसींद गांव में 30 साल बाद बह निकली खारी नदी, ग्रामीणों में खुशी की लहर
क्यों छिन जाता है संतान सुख और राजयोग का फल, जब पितृ दोष बन जाता है अशुभ ग्रहों की पीड़ा का कारण
दुनिया भारत पर भरोसा करती है, बिना नाम लिए पीएम मोदी ने अमेरिका को दिया संदेश
बप्पा से आशीर्वाद, माथे पर तिलक... सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी की MPCA में ताजपोशी, पिता ज्योतिरादित्य ने लुटाया प्यार