जिले के चरही इलाके में कुड़मी समुदाय ने जनजाति के दर्जे में शामिल किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को रेल रोको आंदोलन किया। आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर उतर आए, जिससे पटना-रांची वंदे भारत समेत कई प्रमुख ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा।
जानकारी के अनुसार, सुबह से ही चरही स्टेशन के पास लोग जमा होने लगे और उन्होंने रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया। ढोल-नगाड़ों के साथ प्रदर्शनकारी लगातार आवाज़ बुलंद करते रहे और अपने अधिकारों की मांग को लेकर प्रशासन को चेतावनी दी। स्थानीय प्रशासन ने निषेधाज्ञा जारी कर विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने किसी तरह की परवाह किए बिना आंदोलन जारी रखा।
कुड़मी समुदाय के लोग वर्षों से जनजाति में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उन्हें भी उन अधिकारों और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए जो अन्य जनजातियों को प्राप्त हैं। आंदोलनकारी स्थानीय विधायक तिवारी महतो के समर्थन में भी पहुंचे। विधायक ने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण है और सरकार को इस समुदाय की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों के संचालन में बाधा के कारण कई ट्रेनें रद कर दी गई हैं। विशेष रूप से पटना-रांची वंदे भारत, हजारीबाग-धनबाद एक्सप्रेस और कुछ लोकल ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। यात्री और व्यापारिक गतिविधियों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा। रेलवे अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें और रेलवे ट्रैक से दूर रहें।
स्थानीय पुलिस प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी और भीड़ को शांत करने के लिए कई राउंड डायलॉग किए। बावजूद इसके, आंदोलनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुड़मी समुदाय की यह मांग संवैधानिक अधिकारों और आरक्षण नीति से जुड़ी है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। सरकार और प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि कैसे कानून-व्यवस्था को बनाए रखते हुए समुदाय की मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए।
इस बीच, स्थानीय जनता भी आंदोलन के कारण हुए रेलवे व्यवधान से परेशान रही। कई यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में लंबा समय लगा और कुछ लोगों को होटल और परिवहन व्यवस्था बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में रहा और लोगों ने प्रशासन और सरकार दोनों पर दबाव डालना शुरू कर दिया।
अधिकारियों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और जल्द ही ट्रेनों का संचालन सामान्य होगा। वहीं, कुड़मी समुदाय के लोग अपनी मांगों के लिए तैयार हैं और आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं।
इस प्रकार, हजारीबाग में कुड़मी समुदाय का रेल रोको आंदोलन न केवल ट्रेनों के संचालन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए भी यह संवेदनशील मामला बन गया है। अब सवाल यह है कि सरकार इस मुद्दे को कैसे हल करेगी और क्या कुड़मी समुदाय की मांगें जल्द ही पूरी होंगी।
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