प्रयागराज, 29 जून (Udaipur Kiran) । संचार प्रौद्योगिकियों के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद में विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सहयोग से झलवा परिसर में “भविष्य के संचार परिदृश्य में इलेक्ट्रोसिरेमिक्स के भूमिका की खोज” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
ट्रिपल आईटी के मीडिया प्रभारी डॉ. पंकज मिश्र ने बताया कि इस कार्यक्रम में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों ने माइक्रोवेव और वायरलेस संचार प्रणालियों के उभरते परिदृश्य में इलेक्ट्रोसिरेमिक्स सामग्रियों की खेल परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाने पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. उपेंद्र कुमार ने इस अवसर पर उच्च आवृत्ति संचार सर्किट और उभरती हुई स्मार्ट प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रोसिरेमिक्स के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. प्रमोद कुमार ने इस विषय के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाला।
डॉ. अखिलेश तिवारी, सम्पदा अधिकारी ने भविष्य के संचार प्लेटफार्मों में इलेक्ट्रोसिरेमिक्स की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए सहयोगी और अंतर विषयक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला में क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा दी गई उच्च प्रभाव वाली तकनीकी वार्ता की एक श्रृंखला सम्पन्न हुई। उसमें डॉ. अमरनाथ यादव ने “सब्सट्रेट इंटीग्रेटेड वेवगाइड (एसआईडब्ल्यू)-आधारित माइक्रोवेव घटकों“ पर श्रोताओं को परिचित कराया। उन्होंने गाइसेल और रैट-रेस जैसे पावर डिवाइडर के व्यावहारिक डिजाइन और अनुप्रयोग पर विस्तार से बताया, जो आधुनिक संचार प्रणालियों में कुशल सिग्नल वितरण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आईआईटी-बीएचयू के प्रो देवेंद्र कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक सिरेमिक के संरचनात्मक और कार्यात्मक पहलुओं का एक व्यापक अवलोकन साझा किया और बताया कि इन सामग्रियों को उच्च प्रदर्शन वाली संचार प्रौद्योगिकियों के लिए कैसे इंजीनियर किया जा सकता है। डॉ. कामाक्षी ने “विभिन्न प्रकार के एंटेना के मॉडलिंग और विश्लेषण“ पर अपने सत्र के माध्यम से मूल्यवान सैद्धांतिक और सिमुलेशन अंतर्दृष्टि प्रदान किया।
गुलमन सिद्दीकी ने एचएफएसएस और सीएसटी सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए एक इंटरैक्टिव प्रशिक्षण सत्र का नेतृत्व किया, जिससे प्रतिभागियों को कॉम्पैक्ट और एकीकृत संचार मॉड्यूल में आवश्यक तत्वों-माइक्रोस्ट्रिप पैच एंटेना को डिजाइन और अनुकरण करने में सक्षम बनाया गया।
डॉ. अंकित सिंह ने बाॅयोसेंसर प्रौद्योगिकियों में माइक्रोस्ट्रिप पैच एंटेना के अत्याधुनिक अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया, जो बाॅयोमेडिकल डोमेन में संचार प्रणालियों की अंतःविषय क्षमता का प्रदर्शन करता है। कार्यशाला का समापन डॉ. सृजित भट्टाचार्य ने धन्यवाद ज्ञापित कर किया।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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