शिमला, 30 जून (Udaipur Kiran) । शिमला जिला में रामपुर उपमंडल में दो अलग-अलग जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। ग्राम पंचायत सरपाड़ा के सिकासेरी गांव और ग्राम पंचायत गानवी के पशगांव कंडा में आई बाढ़ से कई परिवारों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि गनीमत रही कि इन घटनाओं में किसी इंसान की जान नहीं गई है।
सरपाड़ा पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलास राम का एक कमरा, एक रसोई, एक कोठार और एक गौशाला पानी में बह गई। इसके साथ ही उनकी एक गाय और दो बछड़े भी तेज बहाव में बह गए। इसी गांव के विनोद कुमार और गोपाल सिंह की भी एक-एक गौशाला और एक-एक गाय बह गई। यह पानी समेज खड्ड से होते हुए सतलुज नदी में जा मिला। जानकारी अनुसार यह घटना छोटे स्तर का बादल फटना माना गया है।
दूसरी ओर गानवी पंचायत के पशगांव कंडा में भी बादल फटने से अचानक पानी का तेज बहाव आया, जिससे कई ग्रामीणों की भेड़-बकरियां बह गईं। प्रभावित लोगों में रामलोक पुत्र धर्मदास की 6, रूप सिंह पुत्र गोविंद सिंह की 5, गोपाल नेगी पुत्र कमलानंद की 5, देवेंद्र सिंह पुत्र स्व. चेत सिंह की 9, प्रकाश वर्मा पुत्र ताराचंद की 4 और हरि सिंह सनैल पुत्र गयानंद की 6 भेड़-बकरियां बाढ़ में बह गईं।
प्रशासन की टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। पीड़ितों को राहत देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
उधर, दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के साथ ही प्रशासन ने आम जनता के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अनुपम कश्यप ने बताया कि मौसम विभाग ने भारी बारिश और लंबे मानसून की चेतावनी दी है, इसलिए लोग सतर्क रहें।
एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लें और नदी-नालों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और जलभराव वाली सड़कों से दूर रहें। वाहन चलाते समय हेडलाइट, ब्रेक लाइट और वाइपर की जांच करें और जीवन रक्षक किट अपने साथ रखें।
मानसून में जल जनित बीमारियों से बचने के लिए साफ, उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं और फंगल संक्रमण से बचने के लिए सूखे कपड़े और रेनकोट का इस्तेमाल करें। किसी भी आपात स्थिति में टोल फ्री नंबर 1077 या 108 पर संपर्क करें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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