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कोलकाता डॉक पर पहली बार लगाए गए इलेक्ट्रिक मोबाइल क्रेन, हरित बंदरगाह की दिशा में बड़ा कदम

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कोलकाता, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (एसएमपी), कोलकाता ने पर्यावरण अनुकूल बंदरगाह संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मंगलवार को नेताजी सुभाष डॉक पर पहली बार दो विद्युत-चालित मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) की तैनाती की। यह कदम पारंपरिक जीवाश्म ईंधन से चलने वाले कार्गो हैंडलिंग उपकरणों से एक स्वच्छ और ऊर्जा-कुशल तकनीक की ओर संक्रमण का संकेत है।

इन नई क्रेनों को अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) द्वारा तैनात किया गया है, जिससे कोलकाता डॉक प्रणाली (केडीएस) में मोबाइल हार्बर क्रेनों की कुल संख्या बढ़कर छह हो गई है।

एसएमपी कोलकाता के चेयरमैन रथेंद्र रमन ने कहा कि ये ऊर्जा-कुशल इलेक्ट्रिक मोबाइल हार्बर क्रेन हमारे संचालन के तौर-तरीकों में बदलाव का संकेत हैं। यह कदम कोलकाता को पूर्वी तट पर एक टिकाऊ कंटेनर हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बेहद अहम है। इससे बंदरगाह की क्षमता में वृद्धि होगी और संचालन का पर्यावरणीय प्रभाव घटेगा।

इन क्रेनों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए डॉक क्षेत्र में उच्च क्षमता की विद्युत आपूर्ति प्रणाली भी स्थापित की जा रही है।

साल 2024-25 में कोलकाता डॉक सिस्टम ने 6.19 लाख टीईयू (ट्वेंटी फुट इक्विवेलेंट यूनिट) कंटेनरों को संभाला था। नई क्रेनों के साथ इस क्षमता के वित्त वर्ष 2025-26 में बढ़कर 7.5 लाख टीईयू तक पहुंचने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि इससे पहले बंदरगाह प्राधिकरण ने घोषणा की थी कि अदानी पोर्ट्स द्वारा 569.85 करोड़ रूपए (जीएसटी को छोड़कर) का निवेश कर अत्याधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरण लगाए जाएंगे। देश की सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर कंपनी एपीएसईज़ेड को नेताजी सुभाष डॉक में पांच बर्थ पर कंटेनर संचालन का पांच साल का परिचालन और अनुरक्षण अनुबंध मिला है।

यह पहल कोलकाता बंदरगाह को हरित, स्मार्ट और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास मानी जा रही है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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