जींद, 2 मई . गर्मी के मौसम की शुरूआत हो चुकी है और साथ ही पेयजल संकट भी खड़ा हो रहा है. जलघरों में पानी कम होने की वजह से पेयजल की समस्या लगातार गहरा रही है. कई गांवों में दो-दो दिन में पेयजल सप्लाई आ रही है तो वहीं सेक्टरों में पानी के टैंकर भेज कर काम चलाया जा रहा है. जिला में 150 लीटर प्रति व्यक्ति पानी निर्धारित किया गया है. शहर की बात की जाए तो प्रतिदिन डेढ लाख लीटर पानी की खपत होती है. वही हजारों लीटर पानी कैंपरों के माध्यम से भी सप्लाई होता है. जिला में पिछले माह नौ अप्रैल को हांसी व सुंदर ब्रांच नहर में पानी आया था. 16 अप्रैल तक पानी चलाया जाना था लेकिन जलघरों में भरने के लिए 24 अप्रैल तक पानी चलाया गया. 32 दिन बाद दोबारा नहर में पानी आता है. 16 अप्रैल को पानी बंद होने का समय था. इसलिए अब 19 मई को दोनों नहरों में पानी आएगा. ऐसे में आगामी 18 दिन तक जलघरों में उपलब्ध पानी से काम चलाना होगा या फिर टयूब्वैल के सहारे प्यार बुझेगी.
बरवाला ब्रांच नहर में 1500 की बजाए 350 क्यूसेक पानी ही छोड़ा
जींद जिला की बात की जाए तो यहां से दो नहरें भाखड़ा व बरवाला ब्रांच नहर हैं. भाखड़ा नहर में पानी न के बराबर है जबकि बरवाला ब्रांच नहर में 1500 क्यूसिक पानी आना चाहिए था वहीं केवल 350 क्यूसिक पानी आ रहा है. जिसके चलते पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं जींद शहर से गुजरने वाली हांसी ब्रांच नहर में 21 मई को पानी आएगा. जोकि फिलहाल बंद है.
150 लीटर पानी प्रति व्यक्ति है निर्धारित
जिला में 150 लीटर प्रति व्यक्ति पानी निर्धारित किया गया है. शहर की बात की जाए तो प्रतिदिन डेढ लाख लीटर पानी की खपत होती है. वहीं हजारों लीटर पानी कैंपरों के माध्यम से भी सप्लाई होता है. इस समय आए दिन विभाग को शिकायतें मिल रही है कि पानी की सप्लाई नही आ रही है. जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ कर्मबीर सिंह ने बताया कि प्रतिदिन पेयजल सप्लाई किया जा रहा है. पेयजल सप्लाई की शिकायतें मिल रही है तो तुरंत कार्रवाई भी की जा रही है. जितनी पेयजल की मात्रा निर्धारित है, उतना पानी फिलहाल उपलब्ध करवाया जा रहा है.
163 जलघर नहरी पानी पर आधारित, 374 जगह टयूब्वैल से पेयजल सप्लाई
जींद जिला की बात की जाए तो यहां 163 जलघर नहरी पानी पर आधारित हैं. जबकि 374 जगह टयूब्वैल से पेयजल की सप्लाई होती है. बावजूद इसके नरवाना, उचाना क्षेत्र के 92 जलघरों में पानी की किल्लत है. जनस्वास्थ्य विभाग के एसई विक्रम मोर के अनुसार जहां भी जिला में भाखड़ा नहर से पानी आता है, उन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या आई है. इस समय भाखड़ा नहर में पानी नही है. लोगों को भी चाहिए कि पेयजल को व्यथ न गंवाएं और पानी का सदुपयोग करें. पानी की बर्बादी को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करें.
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/ विजेंद्र मराठा
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