गुवाहाटी, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि भारत के पूर्वोत्तर और म्यांमार के बीच संपर्क बढ़ाने की रणनीतिक पहल कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना 2027 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पूर्वोत्तर क्षेत्र में जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत सरकार के कई पहलों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लगभग 50 हजार युवाओं को समुद्री नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
सोनोवाल ने बताया कि बहुआयामी रणनीति का उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास करना, समुद्री रसद को बढ़ाना और क्षेत्र में हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने कार्गो हैंडलिंग, क्षमता और तटीय शिपिंग में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ भारत के समुद्री क्षेत्र को बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख बंदरगाहों ने अपनी क्षमता लगभग दोगुनी कर ली है। महत्वाकांक्षी नए टर्मिनलों के साथ क्रूज पर्यटन बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के 50,000 युवाओं को समुद्री नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रमुख विधायी और डिजिटल सुधार, हरित शिपिंग पहल और कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार को मजबूत कर रही हैं। भारत के बंदरगाह अब विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं, जिनमें से नौ विश्व बैंक के शीर्ष 100 में स्थान पर हैं। विशाखापत्तनम बंदरगाह शीर्ष 20 में पहुंच गया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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