ग्रामीणों की समस्याओं का हो त्वरित निस्तारणलखनऊ, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गांवों के समग्र व संतुलित विकास से ही विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य पूरा होगा। गांवों व ग्रामीणों को हर हाल में सशक्त, स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाना है। स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट गांव बनाना है। विकास कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए। उत्तर प्रदेश का ग्राम्य विकास विभाग कई योजनाओं में देश मे टॉप पर है। मनरेगा में महिला भागीदारी मामले में उत्तर प्रदेश देश में सर्वोच्च है। उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि निष्क्रिय स्वंय सहायता समूहों को सक्रिय करने में मुख्य विकास अधिकारी विशेष फोकस करें। केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को योजना भवन में प्रदेश के समस्त मुख्य विकास अधिकारियों के साथ आयोजित विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों का कल्याण करना है। पीएमजीएसवाई की एफडीआर तकनीक में उत्तर प्रदेश ने लीडरशिप की भूमिका निभाई है।
पीएमजीएसवाई की एफडीआर तकनीक से बनाई जा रही सड़कों की नियमित रूप से निगरानी की जाय। निर्देश दिये कि समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर देश-विदेश के मार्केट में ले जाएं। गांवों के युवा बेरोजगारों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से जोड़ने का कार्य किया जाए। गांवों की श्रम शक्ति को सही दिशा में मोड़ा जाए। सीडीओ गांवों के विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखें। मनरेगा से कराये गये पुराने कार्यों का ठीक से अनुरक्षण सुनिश्चित किया जाए। पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल विकसित किया जाय। ग्राम चौपाल जनता से जुड़ने का सशक्त माध्यम है। ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण ग्राम चौपालों में सुनिश्चित किया जाय।
इस अवसर पर केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा के तहत खेल मैदान बनाने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न जिलों के 11खंड विकास अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उप मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में बेहतर कार्य करने के लिए तीन मुख्य मुख्य विकास अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी का प्रथम, अम्बेडकर नगर के मुख्य विकास अधिकारी का द्वितीय व बिजनौर के मुख्य विकास अधिकारी को तृतीय स्थान रहा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने बटन दबाकर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के डैशबोर्ड का शुभारंभ किया और ग्राम्य विकास विभाग की त्रैमासिक पत्रिका के पांचवें संस्करण का विमोचन किया। उन्होंने ग्राम विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं में देश में शीर्ष स्थान पर रहने पर सम्बंधित अधिकारियों को बधाई दी व सराहना की।
उप मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र का समग्र व चहुंमुखी विकास किया जाना बहुत जरूरी है। गांवों का बहुमुखी विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गांव-गरीब के लिए संचालित योजनाएं धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखनी चाहिए। सरकार ग्रामीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा जिन दिव्यांग जनों को प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए गए हैं,उन्हें मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दिलाने की कार्रवाई की जाए।
राज्यमन्त्री ग्राम्य विकास विभाग विजय लक्ष्मी गौतम ने ग्राम्य विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन मेे गति लाने के निर्देश दिये। बैठक मे अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग बी एल मीणा, सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग गौरी शंकर प्रियदर्शी, यूपीआरआरडीए मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखंड प्रताप सिंह, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन, संयुक्त निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जनमेजय शुक्ला, उपायुक्त अखिलेश कुमार सिह ने भी बैठक मेे विभिन्न योजनाओं के बारे मे बिन्दुवार जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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