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दलाई लामा की शिक्षाएं आज के समय में और भी अधिक प्रासंगिक हैं: मुख्यमंत्री

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देहरादून, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पूज्य दलाई लामा ने पूरे विश्व को शांति, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाया है। उनकी शिक्षाएं आज के समय में और भी अधिक प्रासंगिक हैं, जब विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है।

रविवार को क्लेमेनटाउन में दलाई लामा के 90 वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये बातें कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने समस्त देशवासियों और तिब्बती समाज को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए परम पूज्य दलाई लामा को उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करने की कामना की। उन्होंने कहा कि दलाईलामा आने वाली पीढ़ियों को भी अपने अमूल्य विचारों और शिक्षाओं से मार्गदर्शन करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा जी स्वयं कहते हैं, “मेरा धर्म करुणा है,” यही विचार उन्हें विश्व का सच्चा आध्यात्मिक गुरु बनाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने हमेशा से तिब्बती समाज को प्रेम, सम्मान और सुरक्षा प्रदान की है। राज्य सरकार तिब्बती समुदाय के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक विकास के लिए हर संभव सहयोग करती रहेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बुद्धा टेंपल मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा और तिब्बती श्मशान घाट के टिन शेड का निर्माण किया जाएगा।

करुणा के जीते-जागते प्रतीक हैं दलाई लामा: महाराज

धर्मस्व, संस्कृति, मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि तिब्बत के 14वें दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूज्य दलाई लामा जी एक असाधारण बौद्ध भिक्षु होने के साथ-साथ तिब्बत के आध्यात्मिक नेता हैं। केन्द्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) ने उनके जन्मदिन के इस आनन्दमयी अवसर को मनाने के लिए इस वर्ष को ‘करूणा का वर्ष घोषित किया है। उन्हें इस बात का गर्व है कि भारतभूमि, जिसने महात्मा बुद्ध को जन्म दिया, आज ग्यालवा रिनपोछे को आश्रय देकर स्वयं भी धन्य हुई है। उनके साथ हमारा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध केवल अतीत की विरासत नहीं, यह शांति का, सह-अस्तित्व का, मानवता का और वर्तमान का जीवंत संवाद है।

इस अवसर पर मंत्री सतपाल महाराज, विधायक विनोद चमोली, वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार, सांगयम सोनम पालडन, डॉ. त्सावांग फुंटसोक, तेनजिंग चोएफेल, महेश पांडे, सरदार इंद्रपाल कोहली, राजेश मित्तल और तिब्बती समुदाय के लोग मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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