शिमला, 26 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है और आगामी छह दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 27 जून से दो जुलाई तक राज्य में व्यापक वर्षा की चेतावनी दी गई है। इस दौरान कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश भी हो सकती है, जिससे नदियों-नालों में बाढ़ आने और भूस्खलन जैसी घटनाओं की आशंका है।
27 जून को राज्य के कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन दोनों दिनों में बिजली गिरने और आंधी चलने की भी संभावना जताई गई है। वहीं 28 जून को भी कुछेक स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है, हालांकि इस दिन गरज-चमक की संभावना नहीं है।
29 और 30 जून को राज्य के कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान बारिश का असर अधिक व्यापक होगा। इसे देखते हुए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 1 और 2 जुलाई को भी भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है, जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पलमपुर और बंजार में सबसे अधिक वर्षा
पिछले 24 घण्टों में प्रदेश के कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश कांगड़ा जिले के पलमपुर में 76.6 मिमी और कुल्लू जिले के बंजार में 75.4 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा जटटन बैराज में 55.0 मिमी, धर्मशाला में 40.1 मिमी, नरकंडा में 39.0 मिमी, शिलारू में 33.6 मिमी, चंबा में 32.0 मिमी और ऊना में 30.6 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की आशंका
लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लोगों को निचले इलाकों और नदी-नालों के पास न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। पिछले 24 घण्टों में कुल्लू और कांगड़ा ज़िलों में बादलों फटने से आई बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कई लोग सैलाब में बह गए। इनमें दो के शव बरामद किए गए हैं जबकि नौ लापता हैं।
इस बीच प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए सभी जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। स्थानीय प्रशासन को बचाव दलों की तैयारियों और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटकों व स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करते समय मौसम की जानकारी जरूर लें और बारिश के दौरान जोखिम वाले क्षेत्रों व नदी-नालों से दूर रहें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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