मंडी, 08 मई . अभी बरसात का दौर शुरू नहीं हुआ है मगर निगम द्वारा खड्डों के किनारे किए गए निर्माण मिट्टी में मिलना शुरू हो गए हैं. बुधवार को शहर के जेल रोड़ में ब्राहमण सभा के भवन के साथ हाल ही में 16 लाख की लागत से निर्मित किए गए पार्क जो सुकोहडी खड्ड के साथ डंगा लगाकर उस पर स्लैब डाल कर बनाया गया था, बुधवार को अचानक ही जमींदोज हो गया. इससे हड़कंप मच गया.
नगर निगम के महापौर वीरेंद्र शर्मा भट्ट व पार्षद एवं पूर्व महापौर दीपाली जसवाल भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. महापौर ने बताया कि यह सब सीवरेज के रिसाव के कारण हुआ है. नगर निगम के निर्माण में कोई कमी नहीं थी मगर यहां से गुजर रही सीवरेज लाइन लगातार लीक हो रही थी. इस बारे में कई बार विभाग को बताया गया. यही नहीं एक ही दिन पहले जल शक्ति विभाग के साथ विशेष तौर पर बैठक करके विभागीय अधिकारियों का इस ओर से ध्यान दिलाया गया था मगर इससे पहले ही यह निर्माण ध्वस्त हो गया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने मंडी नगर निगम को पंगु बनाकर रख दिया है. न जाने सरकार ऐसा क्यों कर रही है. नगर निगम में स्टाफ ही नहीं है. नगर निगम में महज एक सहायक अभियंता व दो कनिष्ठ अभियंता हैं. दर्जनों पद खाली पड़े हुए हैं. यहां तक कि वर्क सुपरीवाइजर तक नहीं है.
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि नगर निगम में खाली पड़े पदों को तुरंत भरा जाए ताकि लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए काम सुचारू तौर पर चलाया जा सके.
इधर, जमींदोज हो गए निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. इसके निर्माण के लिए जो तकनीक अपनाई गई है उस पर भी सवालिया निशान है. अभी यह पार्क शुरू भी नहीं हुआ था कि पहले ही गिर गया. गलती किसी की भी हो मगर जनता के टैक्स का पैसा इस तरह से मिट्टी में मिलना सही संकेत नहीं है.
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/ मुरारी शर्मा
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