मंडी, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर में लौंगणी पंचायत के आपदा प्रभावित स्याठी गांव का दौरा किया। उन्होंने बादल फटने से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। बादल फटने की घटना से 61 लोग प्रभावित हुए हैं तथा घरों, गौशालाओं और पशुओं को काफी नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन मंडी ने प्रभावितों को 1.70 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, राशन आपूर्ति, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री सहित तत्काल सहायता प्रदान की है।
प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है तथा आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से आपका दुख साझा करने आया हूं। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए विशेष राहत पैकेज तथा गाय, बकरी, भेड़ सहित पशुधन के नुकसान के साथ-साथ नष्ट हुए गौशालाओं के लिए भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
प्रभावित परिवारों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि इस आपदा में पूरा गांव बह गया तथा अब उनके पास तंबू लगाने के लिए भी जमीन नहीं बची है। कई लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई है। प्रभावितों द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध होगी तो उन्हें आवंटित की जाएगी। वन भूमि क्षेत्र में यदि जमीन है तो यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुक्सान का भी निरीक्षण किया। बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला में मूसलाधार बारिश के कारण भारी तबाही हुई है। स्याठी गांव में भूस्खलन से 20 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 61 लोगों को समय रहते सुरक्षित राहत शिविरों में आश्रय दिया गया है। उन्होंने चट्टानी सतह के खिसकने के कारणों का पता लगाने तथा अध्ययन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की आठ से दस घटनाएं घटित हुई हैं। जलवायु परिवर्तन भी इसका एक कारण हो सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से ऐसी घटनाओं के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। कर्मचारियों की तत्परता से बगस्याड़ में सड़क को बहाल कर दिया गया है। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं। गोहर उपमंडल में पांच, थुनाग में तीन और जोगिंद्रनगर व करसोग में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है तथा प्रशासन द्वारा मृतकों की पहचान की जा रही है।
—————
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
You may also like
अरावली की पहाड़ियों पर मौजूद है ऐसा रहस्यमयी मंदिर, जहां रात में जाने पर लोग बन जाते हैं पत्थर! जानें किसने दिया था ये श्राप
Aaj Ka Panchang : आज है शनि देव का विशेष दिन, वायरल क्लिप में देखिये आज दिनभर के शुभ मुहूर्त, राहूकाल और दिशाशूल का पूरा विवरण
मेट्रो स्टेशन जा रही महिला को बंदूक निकालकर धमकाया और फिर कर डाला ये कांड, पीड़िता ने सुनाई खौफनाक कहानी
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मैनपुरी में खोजी 4000 साल पुरानी सभ्यता
एनएच-19 पर तीन दिन से खड़े ट्रक से मिला युवक का शव, यूपी के पीलीभीत का था मृतक, मचा हड़कंप