नई दिल्ली, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिनमें अजनी (नागपुर)–पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस भी है। इस नई रेल सेवा के शुभारंभ के साथ ही महाराष्ट्र को उसकी 12वीं वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिल गई।
नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या आठ पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उद्घाटन अवसर पर स्थानीय नागरिकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी जाहिर की। ट्रेन में यात्रा कर रहे स्कूली बच्चों और बुजुर्गों ने देशभक्ति गीतों से वातावरण को राष्ट्रभक्ति से सराबोर कर दिया।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने बताया कि अजनी (नागपुर)–पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन महाराष्ट्र की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली वंदे भारत बन गई है, जो कुल 881 किलोमीटर की दूरी 10 मध्यवर्ती स्टेशनों के साथ तय करेगी। यह वर्धा, बडनेरा, अकोला, शेगांव, भुसावल, जलगांव, मनमाड, कोपरगांव, अहमदनगर और दौंड जैसे प्रमुख स्टेशनों से गुजरेगी। डॉ. नीला ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी। ट्रेन संख्या 26101 पुणे से प्रातः 6:25 बजे रवाना होकर उसी दिन शाम 6:25 बजे अजनी पहुंचेगी, जबकि ट्रेन संख्या 26102 अजनी से सुबह 9:50 बजे रवाना होकर रात 9:50 बजे पुणे पहुंचेगी।
इस सेवा से पहली बार वर्धा और मनमाड के बीच का लगभग 400 किलोमीटर का क्षेत्र वंदे भारत सेवा से जुड़ रहा है, जिससे इस क्षेत्र के 500 से अधिक गांवों और करीब 20 लाख लोगों को लाभ होगा। साथ ही भगवान गजानंद महाराज के प्रसिद्ध मंदिर वाले सांस्कृतिक शहर शेगांव को भी पहली बार वंदे भारत ट्रेन से जोड़ा गया है, जिससे पुणे और नागपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।
नागपुर को देश की स्वास्थ्य सेवा नगरी और बाघ राजधानी के रूप में जाना जाता है। इसी तरह पुणे को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए यह वंदे भारत ट्रेन औद्योगिक, शैक्षणिक, चिकित्सा और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।
इस ट्रेन में एक एग्जीक्यूटिव चेयर कार और 7 चेयर कार कोच लगाये गए हैं, जिनमें कुल 530 यात्रियों के बैठने की सुविधा है। पूरी तरह वातानुकूलित इस ट्रेन में एलईडी लाइटिंग, बायो-वैक्यूम शौचालय, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी और पुनर्योजी ब्रेकिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह नई सेवा ‘मेक इन इंडिया’ की मिसाल है, जो रेलवे के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में देश में 72 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं और अगले तीन वर्षों में 200 से अधिक नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की योजना है।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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