नई दिल्ली, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण विरोधी कानून को चुनौती देने वाली नई याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को दूसरी लंबित याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया।
याचिका लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता रुप रेखा वर्मा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि ये कानून विभिन्न धर्मों के जोड़ों को परेशान करने का जरिया बन गया है। याचिका में मांग की गयी है कि मामले की सुनवाई तक इस कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि ये कानून नागरिकों की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है।
याचिका में कहा गया है कि यूपी धर्मांतरण संशोधन कानून की धाराएं 2 और 3 काफी भ्रामक हैं। ये कानून स्वतंत्र अभिव्यक्ति और धार्मिक विश्वास को आघात पहुंचाता है। यूपी धर्मांतरण संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है। इस कानून में प्रशासन की ओर से दुरुपयोग रोकने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर किसी निर्दोष नागरिक को इस मामले में फंसाया जाता है तो उसे रोकने का कोई प्रावधान इस कानून में नहीं है।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
You may also like
Air India ने पूरी की बोइंग 787 विमानों की जांच, फ्यूल कंट्रोल स्विच में नहीं मिली कोई गड़बड़ी
बम की धमकी वाले Email की जांच में उलझी पुलिस, Dark Web और VPN बने बड़ी चुनौती
नेतन्याहू को बड़ा झटका: एक और सहयोगी पार्टी गठबंधन से अलग, इजराइल में राजनीतिक अस्थिरता गहराई
जम्मू-कश्मीर शांति की ओर, जल्द पकड़े जाएंगे पहलगाम हमले के आतंकवादी : मनोज सिन्हा
XO, Kitty का तीसरा सीजन: नई कहानियों और पात्रों का इंतजार