Next Story
Newszop

हिमाचल : भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे समेत 208 सड़कें बंद, भारी वर्षा का यलो अलर्ट

Send Push

शिमला, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में सोमवार को भी मौसम बिगड़ा हुआ है और रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक सोमवार सुबह तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे और 208 सड़कें भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैं। 139 बिजली ट्रांसफार्मर और 745 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां एक नेशनल हाइवे व 157 सड़कें बंद हैं। वहीं47 बिजली ट्रांसफार्मर और 133 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं। कांगड़ा जिला में 612 पेयजल स्कीमें बंद पड़ी हैं।

मंडी जिला में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे चार मील के पास आज सुबह फिर से मलबा गिरने से बंद हो गया है। इसी स्थान पर पहले भी लैंडस्लाइड हुआ था, जिसके बाद 28 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को बहाल किया गया था। लेकिन बीती रात फिर से पत्थर गिरने और मलबा आने के चलते सड़क पर यातायात ठप हो गया है। लगातार मलबा गिरने से सड़क खोलने में भी भारी दिक्कतें आ रही हैं। कांगड़ा जिला में 612 पेयजल स्कीमें बंद हैं।

मौसम विभाग के अनुसार सिरमौर के राजगढ़ में सर्वाधिक 72 मिमी, खदराला में 42 मिमी, पच्छाद में 36 मिमी और मंडी शहर में 26 मिमी बारिश दर्ज हुई है। बारिश से गिरी जटोंन डैम का जलस्तर बढ़ने पर मैदानी इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, वहीं गिरि और यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। विभाग ने 20 जुलाई तक प्रदेश के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।

मानसून सीजन के दौरान अब तक प्रदेश में बारिश जनित हादसों में 98 लोगों की जान जा चुकी है, 35 लोग लापता और 178 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 21 मौतें मंडी में, कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चंबा में 9, हमीरपुर में 8 और बिलासपुर में 7 लोगों की मौत हुई है। इस अवधि में 1038 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त, 188 दुकानें और 788 गौशालाएं तबाह हो गईं। अकेले मंडी जिले में ही 854 घर, 166 दुकानें और 638 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं। 30 जून की रात मंडी में बादल फटने की 12 घटनाओं से भारी तबाही हुई।

आपदाओं से कृषि और पशुपालन को भी नुकसान पहुंचा है। मानसून के दौरान 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 954 अन्य पशुओं की मौत हुई है। 20 जून से अब तक बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस दौरान प्रदेश को करीब 770 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है, जिसमें जल शक्ति विभाग को 409 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 345 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Loving Newspoint? Download the app now