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सीआरआईटी केंद्र भारत के व्यापार हितों को आगे बढ़ाने में निभा रहे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां : वाणिज्य सचिव

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नई दिल्‍ली, 27 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार अनुसंधान केंद्र (सीआरआईटी) केंद्र भारत के व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण जिम्‍मेदारियां निभा रहे हैं।

वाणिज्य सचिव ने राजधानी नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय में आयोजित व्यापार एवं निवेश विधि केंद्र (सीटीआईएल) के 8वें वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस कार्यक्रम के बतौर मुख्यातिथि सुनील बर्थवाल ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि इन केंद्रों द्वारा किया जा रहा कार्य भारत के राष्ट्रीय हितों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि व्यापार वार्ताओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए इनकी स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है, साथ ही यह मजबूत आंतरिक क्षमता के विकास में भी योगदान देगा।

वाणिज्‍य मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में राज्य की क्षमता विकास में वकीलों और थिंक टैंकों की भूमिका पर ज़ोर दिया, जिसका शासन कला में रणनीतिक महत्व है।

चंद्रचूड़ ने कहा कि सीटीआईएल की भूमिका व्यापार और निवेश कानून के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता और कौशल लाकर सरकार की क्षमता को बढ़ाने में है। उन्होंने बताया कि कैसे क्षमता निर्माण की पहलों ने व्यापार वार्ताओं और समझौतों में परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। चंद्रचूड़ ने ट्रेडलैब जैसे अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रमों में सीटीआईएल के प्रयासों का उल्लेख किया और अन्य विधि विद्यालयों में इसके विस्तार की वकालत की।

इस अवसर पर प्रोफेसर जेम्स जे. नेदुम्परा ने केंद्रों की गतिविधियों और उन क्षेत्रों का उल्लेख किया जहां केंद्र सरकार ने वाणिज्य विभाग और विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों में समय पर कानूनी जानकारी और विश्लेषण प्रदान करके योगदान दिया है, जिनमें व्यापार वार्ता, विधायी प्रारूपण, नियम निर्माण और विवाद समाधान शामिल हैं। उन्होंने सीटीआईएल द्वारा अपनी स्थापना के बाद से की गई विभिन्न शैक्षणिक और सहयोगात्मक गतिविधियों का भी उल्लेख किया।

इस अवसर को नई दिल्ली स्थित भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के कुलपति डॉ. राकेश मोहन जोशी की उपस्थिति ने और भी समृद्ध बना दिया, जिन्होंने कुलपति का संबोधन दिया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव सत्य श्रीनिवास और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, वकील और कानून के छात्र भी उपस्थित थे। आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर सीटीआईएल ने दो प्रकाशनों का शुभारंभ किया।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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