उत्तरकाशी, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मानसून सीजन में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन व भू-धसाव से आवासीय भवनों को खतरा मंडरा रहा है. जिलाधिकारी के निर्देश पर इन दिनों भूवैज्ञानिक आपदा प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण कर रहे हैं.
पिछले अगस्त माह जनपद में आयी आपदा के प्रभावित गांवों में भूवैज्ञानिक उत्तरकाशी प्रदीप कुमार लगातार भूगर्भीय निरीक्षण कर प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनके परेशानियों व क्षति का आंकलन कर अपनी आख्या जिलाधिकारी उत्तरकाशी को प्रेषित कर रहे है. उन्होंने बताया कि जनपद के भटवाड़ी, डुंडा, बड़कोट, पुरोला व मोरी क्षेत्र के दो दर्जन गांवो का स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है. अवशेष ग्रामों का जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा. ग्राम दणगाण गाँव में भू-धंसाव होना पाया गया है जिसमें कई तोकों के भवनों में दरारे व क्षतिग्रस्त पाये गये है तथा मुख्य गांव के ऊपरी भूभाग से भूस्खलन जोन एक्टिव पाया गया है जिससे भवनों को खतरा हो सकता है.
भू-वैज्ञानिक द्वारा बताया गया है कि गांव के अंतर्गत कई बरसाती नाले प्रवाहित हो रहे है जिनमें बरसात में अधिक मात्रा में पानी आने के कारण भूमि में कई स्थानों में कटाव हो रहा है जिससे धंसाव की स्थिति बन रही है. अधिक प्रभावित तोकों के परिवारों का विस्थापन की कार्यवाही की जाएगी.
भूगर्भीय निरीक्षण के दौरान भूवैज्ञानिक द्वारा ग्रामीणों को बरसाती गदेरों व डिप्रेशन वाले भागो से दूर भवन निर्माण किये जाने व अधिक ढालदार भूभाग पर भवन निर्माण न किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी है. गाँव में भूवैज्ञानिक उत्तरकाशी प्रदीप कुमार द्वारा स्थलीय भूगर्भीय निरीक्षण ग्राम प्रधान सहित स्थानीय लोगों की उपस्थिति में किया गया है.
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
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