जींद, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरुद्वारा टिकाना बाबा बंदा सिंह बहादुर में साध संगत व प्रबंधक कमेटी के सहयोग से 31 लोगों को सोमवार को अमृत छकाया गया। लुधियाना से आए हुए ग्रंथी साहिबानों ने इस अवसर पर विशेष रूप से संगतों को प्रेरित किया व बड़े श्रद्धापूर्वक अमृत चखने की सेवा पूरी की।
इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब के प्रधान अशोक सचदेवा, कैशियर अमरजीत मक्कड़, महासचिव राजेश मक्कड़, गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह उपस्थित रहे। गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह ने कहा कि केशगढ़ साहेब आनंदपुर से ही सिखों के महान गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने अमृत पान किया था। जिसमें कड़ा, कंघा, कछा, केश व कृपाण धारण कराया जाता है और उसे सिख धर्म में शामिल किया जाता है। कार्यक्रम में मौजूद रहे
कड़ा, कंघा, कछा, केश व कृपाण को धारण करने से व्यक्ति को सिख धर्म की मान्यता दी जाती है और उसके अनुसार ही जीवन यापन कराना होता है। इसमें अमृत पान करने वाले सिख समुदाय के लोगों को धर्म के अनुसार कार्य करने होते हैं।
अमृत छकना सिख धर्म एक महान संकल्प है। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब ने 1699 में बैसाखी के दिन भरी सभा मे पांच शीशों की मांग की और लाखों की भीड़ में से पांच लोग अपना शीश देने के लिए तैयार हुए। जिनको बाद में अमृत चखा कर पंच प्यारों का दर्जा दिया गया। गुरु साहिब ने खुद भी पंच प्यारों से अमृत की दात मांगी और तभी से उनके नाम के आगे भी सिंह लगाया जाने लगा। उन्होंने संदेश दिया था कि हमें धर्म व देश की रक्षा के लिए सदैव एक रहना चाहिए। किसी भी मजहब के साथ ईष्र्या व द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए।
—————
(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
You may also like
प्रोपर्टी` खरीदने वाले जरूर चेक कर लें ये डॉक्यूमेंट नहीं तो गंवा बैठेंगे जीवनभर की पूंजी
माउंट आबू में बारिश के बाद जन्नत जैसे नज़ारे! दिनभर छाया कोहरा, हिलस्टेशन में सैलानियों का मजा हुआ दोगुना
Bird Flu: बर्ड फ्लू ने फिर बढ़ाई चिंता, सर्दी-जुकाम जैसी होती है शुरुआत, समय रहते पहचानें लक्षण
निक्की हत्याकांड: कमाई, पति की बेरोजगारी और ससुराल के लालच पर पिता का बड़ा खुलासा
मुंबई पुलिस ने जरांगे को जारी किया आजाद मैदान खाली करने का नोटिस, अदालत ने दी शाम तक की मोहलत