कोलकाता, 30 जून (Udaipur Kiran) । पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले के डेबरा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर ने कालीगंज ब्लास्ट में मारी गई 13 वर्षीय बच्ची के परिवार से मुलाकात कर मुआवज़ा देने के मामले में पार्टी नेतृत्व द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का सोमवार को जवाब दे दिया।
हालांकि विधायक कबीर ने सार्वजनिक रूप से अपने जवाब की सामग्री को साझा नहीं किया, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने न तो अपने कदम को कोई गलती माना है और न ही माफ़ी मांगी है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कबीर ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि उन्होंने मृतक बच्ची के परिवार से न तो तृणमूल विधायक के रूप में और न ही पार्टी नेता के तौर पर मुलाकात की थी। उन्होंने खुद को एक ग़ैर-राजनीतिक स्वयंसेवी संगठन का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उन्होंने आर्थिक सहायता उसी संगठन की ओर से देने की पेशकश की थी।
कबीर ने यह भी स्वीकार किया कि पीड़िता की मां ने यह मदद लेने से इनकार कर दिया था। अब देखना होगा कि तृणमूल कांग्रेस उनके इस स्पष्टीकरण को किस रूप में लेती है।
दरअसल, पार्टी नेतृत्व को यह कदम पार्टी के लिए असहजता पैदा करने वाला लगा क्योंकि कबीर ने इस मुलाक़ात की पूर्व सूचना पार्टी को नहीं दी थी। इससे यह संदेश गया कि शायद वे पार्टी के निर्देश पर पीड़िता के परिवार से मुलाक़ात कर मामले को पैसे के ज़रिए शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में पार्टी ने पिछले सप्ताह उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
उल्लेखनीय है कि यह घटना नदिया ज़िले के कालीगंज में घटी थी, जहां 13 वर्षीय तमन्ना खातून की मौत एक बम विस्फोट में हो गई थी। इस मामले में अब तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह विस्फोट तृणमूल कांग्रेस की विजयी जुलूस के दौरान हुआ था, जो 23 जून को घोषित हुए कलिगंज उपचुनाव परिणाम के बाद निकाला गया था। तमन्ना की मां ने ज़िला पुलिस पर राजनीतिक कोण की अनदेखी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि बम उनके घर पर जानबूझकर फेंका गया क्योंकि उनका परिवार लंबे समय से वाम दल (माकपा) से जुड़ा हुआ है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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