सिरसा, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । बहुजन समाज पार्टी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण जमालपुर ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी दलित प्रतिनिधि अपने समाज के नहीं, बल्कि पार्टी के एजेंडे के प्रतिनिधि बनकर रह गए हैं। कृष्ण जमालपुर शनिवार को सिरसा जिला के कस्बा चौपटा में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डा. अम्बेडकर द्वारा दलितों की सबसे बड़ी राजनीतिक हार बताए गए पूना पैक्ट के दुष्परिणाम आज भी दलित समाज भुगत रहा है। कृष्ण जमालपुर ने कहा कि हरियाणा के सामाजिक न्याय राज्यमंत्री कृष्ण बेदी और भाजपा नेता कृष्ण लाल पवार आरएसएस की विचारधारा के पोषक हैं और डा. अम्बेडकर की विरासत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने बेदी द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दलितों का भाग्यविधाता बताने को निंदनीय और अम्बेडकरवाद से विश्वासघात बताते हुए कहा कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति और रोस्टर प्रणाली में भारी अनियमितताएं हैं फिर भी सरकार और मंत्री चुप हैं।
बसपा नेता ने कहा कि एमडीयू सहित अनेक संस्थानों में दलितों के लिए आरक्षित पद खाली पड़े हैं या जानबूझकर उन्हें भरने में बाधा डाली जा रही है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में दलित वाइस चांसलर की अनुपस्थिति, रोस्टर में हेराफेरी तथा सेवा विभाग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। बीएसपी नेता कृष्ण जमालपुर ने कहा कि सत्ता में बैठे तथाकथित दलित नेता अब अम्बेडकरवाद के अनुयायी नहीं सत्ता के दलाल बन गए हैं। दलित समाज को रेवडिययां नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकार चाहिए।
उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति की सख्ती से पालना हो, वर्ष 1976 से अब तक का वास्तविक रोस्टर सार्वजनिक किया जाए, बैकलॉग भर्तियों को प्राथमिकता से भरा जाए और दलित समाज को प्रशासनिक पदों पर समान अवसर मिले। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी रामसिंह प्रजापति, कोषाध्यक्ष प्रेम राठी, जिला प्रभारी धर्मपाल माखोसरानी, जिला अध्यक्ष भूषण बराड़, प्रदीप कागदाना, रामधन बौद्ध, पुष्पेंद्र शास्त्री, प्रभाती रुपाणा व अन्य मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
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