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पूर्वांचल में उद्योग अकादमिक सहयोग की अपार संभावनाएं : संजीव कोठारी

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जौनपुर,22 जून (Udaipur Kiran) । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी के द्वारा आर्यभट्ट सभागार में शनिवार देर शाम को उद्योग-अकादमिक संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से अगली पीढ़ी की प्रतिभा को सशक्त बनाना: रणनीतियाँ और आगे का रास्ता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पीयू-कैट 2025 के ब्रोशर का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अडानी इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के रणनीति एवं डिजिटल सलाहकार एवं पूर्व प्रमुख तकनीकी-वाणिज्यिक संजीव कोठारी ने कहा कि पूर्वांचल में उद्योग अकादमिक सहयोग की अपार संभावनाएं है। उद्योग और अकादमिक समन्वय का दोनों को फायदा मिलता है। इंडस्ट्री का फायदा है कि उन्हें कुशल लोग मिल जाते है और उन्हें प्रशिक्षण नहीं देना पड़ता। अकादमिक लाभ शिक्षक प्रशिक्षण, प्रासंगिक पाठ्यक्रम, बेहतर प्लेसमेंट, वित्तपोषित प्रयोगशालाएँ और अनुसंधान है।उन्होंने कहा कि उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच गैप को हटाना होगा। साथ ही डिग्रीधारी युवाओं के कौशल की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि डिग्री बस एक शुरुआत है, ज़िंदगी का हर कदम इम्तिहान है। अंक नहीं, हौसला रंग लाता है, सपनों की राह साहस दिखाता है।उन्होंने कहा कि संस्था और अकादमी संस्थाओं के साथ समन्वय की बहुत सारी चुनौतियां हैं। उद्योगों को चिन्हित कर अकादमी संस्थानों को तैयारी करनी चाहिए। उद्योग के साथ विद्यार्थियों का इंगेजमेंट बहुत आवश्यक है। अकादमी संस्थान उद्योग से संपर्क करें और यह जाने कि उनकी क्या जरूरत है और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम का निर्माण करें।कुलपति प्रो वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के ज्ञान का उपयोग अगर उद्योग नहीं पा रहे है तो यह चिंता का विषय है। उद्योग और अकादमिक दूरी को कम किया जाएगा। विश्वविद्यालय इस दिशा में हर स्तर पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ मिलकर शोध भी किया जायेगा जिससे अधिक से अधिक लोगों को उसका लाभ मिल सके।इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, सेंट्रल ट्रेनिंग, प्लेसमेंट एंड एक्यूवेशन सेंटर के प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी ने भी विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेन्द्र चौधरी ने किया।इस अवसर पर पूर्व कुलसचिव बी एल आर्य, प्रो. मानस पांडे, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. राजेश सिंह,आदि लोग मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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