उत्तर प्रदेश में मॉनसून ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के 45 से अधिक जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट 20 जुलाई की सुबह से 21 जुलाई की सुबह तक प्रभावी रहेगा। पश्चिमी, मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है, जिससे न केवल जनजीवन प्रभावित हो सकता है, बल्कि जलभराव और यातायात की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। आइए, इस मौसमी बदलाव के प्रभाव और सावधानियों को विस्तार से समझते हैं।
पश्चिमी यूपी पर मॉनसून की मारपश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले जैसे सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा और मुरादाबाद इस बार मॉनसून की भारी मार झेलने के लिए तैयार रहें। मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में लगातार बारिश की संभावना है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है। स्थानीय निवासियों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त रखें। प्रशासन ने भी सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
पूर्वी और मध्य यूपी में भी खतरामॉनसून की सक्रियता केवल पश्चिमी यूपी तक सीमित नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती और कुशीनगर जैसे जिलों में भी भारी बारिश के साथ-साथ वज्रपात का खतरा मंडरा रहा है। मध्य यूपी के कई जिले भी इस मौसमी हलचल से प्रभावित हो सकते हैं। बारिश और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।
सावधानी ही है सुरक्षा की कुंजीमौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें। विशेष रूप से, गरज-चमक और बिजली गिरने के समय खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या ऊंची जगहों पर जाने से बचें। इसके अलावा, मौसम से संबंधित नवीनतम अपडेट्स के लिए स्थानीय समाचार चैनल या मौसम विभाग की वेबसाइट पर नजर रखें। अगर आप यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो बारिश और जलभराव की स्थिति को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा को टालने या वैकल्पिक मार्ग चुनने पर विचार करें।
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