Bhairav Dog : कुत्ता इंसान का सबसे वफादार दोस्त माना जाता है। वह समझदार, उत्साहित और भावनाओं से भरा होता है। लेकिन जब रात के अँधेरे में अचानक उसकी आवाज़ तेज़ हो जाती है, तो दिल में खोखलाहट सी उठती है।
खासकर उस पल जब लोग कहते हैं कि शायद ये किसी बुरी घटना या अशुभ परिस्थिति की ओर संकेत करता है।
धार्मिक दृष्टिकोण: क्या है विश्वास
भारत की धार्मिक परंपराओं में कुत्ते को भगवान भैरव से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि जब कुत्ता किसी अनदेखी ऊर्जा को महसूस करता है तो उसकी आवाज़ एक तरह की चेतावनी बन जाती है।
इसका मतलब यह भी हो सकता है कि भविष्य में कोई अनहोनी घटने वाली है। ऐसे में कुछ लोग कुत्ते के रोने को दिव्य संकेत मानकर जागते हैं।
वैज्ञानिक नजरिया: वास्तविक कारण
वहीं अगर विज्ञान की बात करें तो कुत्तों की सुनने और सूंघने की क्षमता इंसानों से कहीं अधिक तेज होती है। वे ज़ोरदार रोते हैं जब उन्हें कोई अनजानी आवाज़ या गंध महसूस होती है।
साथ ही, अगर उन्हें दर्द हो या वे तनाव/अकेलेपन से ग्रस्त हों, तो भी उनकी रोने की आवाज़ सुनने को मिलती है।
असली सच – क्या करना चाहिए?
अभी तक कुत्ते के रोने के पीछे दो प्रमुख व्याख्याएँ हैं—धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों। असल बात तो यह है कि डरने की ज़रूरत नहीं है।
अगर यह आवाज़ लगातार हो रही हो या कुत्ता अस्वस्थ दिख रहा हो, तो समझदारी यही होगी कि उसे पशु-चिकित्सक को दिखाएँ। इस तरह आप उसकी फिज़िकल या मानसिक ज़रूरत को समझकर मदद कर पाएंगे।
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