UTI Prevention Tips : कई महिलाएं बार-बार यूटीआई (Urinary Tract Infection) यानी मूत्र संक्रमण की परेशानी झेलती हैं। शुरुआत में यह एक मामूली समस्या लग सकती है, लेकिन बार-बार होने पर यह शरीर के लिए गंभीर संकेत बन जाती है।
अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह संक्रमण किडनी तक भी पहुंच सकता है।
यूटीआई के सामान्य लक्षण
यूटीआई की शुरुआत आमतौर पर कुछ खास लक्षणों से होती है –
- बार-बार पेशाब लगना
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द
- योनि क्षेत्र में खुजली या जलन
- पेशाब रोक पाने में कठिनाई
- कभी-कभी बुखार या पेट के निचले हिस्से में दर्द
अगर इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार महसूस हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
बार-बार UTI होने के प्रमुख कारण
महिलाओं में बार-बार यूटीआई होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ आम और महत्वपूर्ण वजहें हैं –
बैक्टीरियल संक्रमण – मूत्रमार्ग (urinary tract) के जरिए बैक्टीरिया जब मूत्राशय तक पहुंच जाते हैं, तो संक्रमण शुरू हो जाता है।
अनसेफ सेक्स या हाइजीन की कमी – असुरक्षित यौन संबंध या यौन स्वच्छता की कमी के कारण योनि और ब्लैडर में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ सकते हैं।
पब्लिक टॉयलेट का उपयोग – बार-बार गंदे या असुरक्षित सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है।
कम पानी पीना – शरीर में पानी की कमी से बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाते, जिससे संक्रमण दोबारा हो सकता है।
डाइट में गलतियां – बहुत ज्यादा मसालेदार या एसिडिक खाना यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकता है।
- यूटीआई से बचाव के सरल उपाय
- यूटीआई से बचने के लिए कुछ छोटे लेकिन जरूरी कदम अपनाए जा सकते हैं –
- दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- पेशाब को लंबे समय तक न रोकें।
- हमेशा साफ और सूखे अंडरगारमेंट पहनें।
- यौन संबंध के बाद सफाई का ध्यान रखें।
- बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फ्रूट्स, दही और विटामिन C से भरपूर चीजें खाएं।
इलाज और सावधानियां
यूटीआई के इलाज के लिए आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं लिखते हैं।
याद रखें, डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का पूरा कोर्स ज़रूर पूरा करें, भले ही लक्षण कुछ दिनों में खत्म हो जाएं। अधूरा इलाज संक्रमण को फिर से लौटने का मौका देता है।
यदि बार-बार यूटीआई हो रही है, तो एक बार यूरिन कल्चर टेस्ट करवाना चाहिए ताकि कारण स्पष्ट हो सके।
यूटीआई महिलाओं में आम जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना गलत है। थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली से इस समस्या से पूरी तरह बचा जा सकता है।
साफ-सफाई और पानी का सेवन ही इसका सबसे आसान इलाज है।
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