देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आज (28 अक्टूबर) एक धमाकेदार खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को आखिरकार मंजूरी मिल गई है।
सरकार ने आयोग के कामकाज के नियम और शर्तें (Terms of Reference) भी फाइनल कर दी हैं। इस बड़े फैसले से कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन में जबरदस्त बदलाव की राह खुल गई है।
18 महीने में सौंपनी होगी रिपोर्टसरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 8वां वेतन आयोग एक टेंपरेरी बॉडी होगी। इसमें एक चेयरपर्सन, एक पार्ट-टाइम मेंबर और एक मेंबर-सेक्रेटरी होंगे। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही इनकी नियुक्ति हो जाएगी। आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने का समय मिलेगा। मतलब, गठन की तारीख से डेढ़ साल के अंदर सिफारिशें सरकार को देनी होंगी। हालांकि, जरूरी मुद्दों पर आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी जमा कर सकता है।
इन 5 अहम बातों पर फोकस करेगा आयोगइस बार वेतन आयोग की शर्तें काफी सख्त रखी गई हैं। कैबिनेट द्वारा तय टर्म्स ऑफ रेफरेंस के तहत आयोग को सिफारिशें करते वक्त कई क्रूशियल पॉइंट्स का ध्यान रखना पड़ेगा।
आयोग को देश की मौजूदा इकोनॉमिक कंडीशन और सरकारी खजाने पर बोझ का पूरा ख्याल रखना होगा।
सिफारिशों के बाद सरकार के पास डेवलपमेंट वर्क्स और वेलफेयर स्कीम्स के लिए पर्याप्त फंड बचा रहे, ये भी चेक किया जाएगा।
आयोग नॉन-कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम्स (जैसे ओल्ड पेंशन) के अनफंडेड खर्च का आकलन करेगा।
आयोग की रेकमेंडेशंस से राज्यों के फाइनेंस पर क्या असर पड़ेगा, ये भी देखा जाएगा, क्योंकि ज्यादातर राज्य इन्हें फॉलो करते हैं।
कर्मचारियों की सैलरी फिक्स करते समय पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSU) और प्राइवेट सेक्टर के पे और बेनिफिट्स से कंपेयर किया जाएगा।
कब से शुरू होगा फायदा?नॉर्मली हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनता है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। इसी पैटर्न को फॉलो करें तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। सरकार ने इसी साल जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था और आज इसकी शर्तों को अप्रूवल दे दिया गया है। ये फैसला करोड़ों सेंट्रल एम्प्लॉयी, डिफेंस पर्सनल और पेंशनर्स को प्रभावित करेगा। आयोग गठन की न्यूज से कर्मचारियों में खुशी का माहौल है, क्योंकि सैलरी में मोटी बढ़ोतरी की उम्मीद जग गई है।






