हरियाणा की होनहार टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल एक उभरती प्रतिभा को हमसे छीन लिया, बल्कि समाज में व्याप्त रूढ़ियों और मानसिकता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। राधिका की हत्या के पीछे की कहानी जितनी दुखद है, उतनी ही चौंकाने वाली भी। इस लेख में हम इस हत्याकांड के नए खुलासों, राधिका की दोस्त के दावों और इस घटना के पीछे की सामाजिक मानसिकता पर चर्चा करेंगे।
एक होनहार खिलाड़ी का अंतराधिका यादव, हरियाणा की एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थीं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनानी शुरू की थी। लेकिन गुरुवार की सुबह 10:30 बजे, उनके अपने पिता दीपक यादव ने उनकी पीठ और कंधे पर गोलियां चलाकर उनकी जीवन यात्रा को समाप्त कर दिया। यह घटना इतनी भयावह थी कि राधिका की मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्याकांड ने न केवल उनके परिवार, बल्कि उनके दोस्तों और समुदाय को भी गहरे सदमे में डाल दिया।
दोस्त के खुलासे ने मचाया हड़कंपराधिका की करीबी दोस्त हिमांशिका ने एक वीडियो के जरिए इस मामले में कई सनसनीखेज दावे किए हैं। हिमांशिका का कहना है कि राधिका के पिता पिछले तीन दिनों से इस हत्या की साजिश रच रहे थे। उन्होंने सुनियोजित तरीके से राधिका के भाई और उनके पालतू कुत्ते को घर से दूर रखा ताकि कोई भी राधिका को बचा न सके। हिमांशिका ने यह भी बताया कि राधिका के पिता कुछ लोगों के तानों से इतने आहत हो गए थे कि उन्होंने यह कदम उठाया। इन तानों में राधिका की सफलता को लेकर जलन और उनकी जीवनशैली पर टिप्पणियां शामिल थीं।
सामाजिक ताने और मानसिक दबावहिमांशिका के अनुसार, राधिका की बढ़ती लोकप्रियता और उनकी आधुनिक जीवनशैली कुछ लोगों को रास नहीं आ रही थी। कुछ लोगों ने राधिका के पिता को ताने मारते हुए कहा, "अब तो यह मेकअप करने लगी है, छोटे कपड़े पहनने लगी है। तू इसके पैसों पर पल रहा है, अब इससे धंधा ही करवा दे।" ये शब्द न केवल अपमानजनक थे, बल्कि एक पिता के मन पर गहरा असर डालने वाले थे। हिमांशिका ने यह भी स्पष्ट किया कि राधिका का सोशल मीडिया अकाउंट प्राइवेट था और उनके केवल 68 फॉलोअर्स थे। वह एक साधारण और शालीन लड़की थीं, जो अपनी रील्स के जरिए केवल अपनी प्रतिभा दिखाना चाहती थीं।
राधिका की मानसिक स्थितिहिमांशिका ने बताया कि पिछले 10 दिनों से राधिका बहुत परेशान थीं। उन्होंने अपने परिवार से कहा था कि वह उनकी हर बात मानेंगी और जैसा वे कहेंगे, वैसा करेंगी। लेकिन उनके पिता का गुस्सा और मानसिक दबाव इतना बढ़ गया था कि उनके चेहरे पर कोई भाव ही नहीं बाकी था। यह दुखद है कि एक होनहार खिलाड़ी को सामाजिक दबाव और गलतफहमियों के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी।
पिता का पछतावाराधिका के ताऊ विजय यादव ने बताया कि हत्या के बाद दीपक यादव बहुत दुखी थे। उन्होंने बार-बार कहा, "भाई, मुझसे कन्यावध हो गया।" थाने में भी उन्होंने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि ऐसी सजा लिखी जाए, जिससे उन्हें फांसी मिले। यह बयान उनके पछतावे को दर्शाता है, लेकिन यह राधिका को वापस नहीं ला सकता।
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